Bharat Rajneeti- Assam में NRC तैयार करने के लिए समय सीमा नहीं बढ़ेगी : Supreme Court
प्रतीकात्मक तस्वीर: Bharat Rajneeti
Bharat Rajneeti:- सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर यह साफ कर दिया किया कि असम के नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजंस (एनआरसी) तैयार करने के लिए 31 जुलाई की समय सीमा को नहीं बढ़ाया जाएगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि एनआरसी भले ही एक दिन पहले प्रकाशित हो जाए, लेकिन 31 जुलाई से एक भी दिन ज्यादा नहीं होना चाहिए। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन की पीठ ने एनआरसी कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला को यह छूट दे दी है कि अगर आपत्तियां नहीं आती हैं, तो वह कानून के तहत अपने विवेक से यह काम पूरा कर सकते हैं। हजेला ने पीठ को बताया कि एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट से बाहर हुए लोगों की आपत्तियों पर मंगलवार से विचार करने का काम शुरू हो गया है, लेकिन इनमें से कई लोग उपस्थित नहीं हुए। इस पर पीठ ने कहा कि अगर कोई आपत्तियां दर्ज कराने के लिए उपस्थित नहीं होता है तो कानून के तहत प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। लेकिन किसी भी हालत में 31 जुलाई तक एनआरसी प्रकाशित हो जाना चाहिए।
पीठ ने कहा कि इस काम को पूरा करने के लिए जो भी जरूरत हो, वह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 10 जुलाई तय की है। साथ ही पीठ ने कॉर्डिनेटर से कहा कि अगर उन्हें ऐसा लगता है कि इस दौरान कोई आदेश पारित करने की जरूरत है तो वह आवेदन दाखिल कर सकते हैं।
40 लाख लोग अंतिम ड्राफ्ट से बाहर हो गए थे
उल्लेखनीय कि 30 जुलाई को जारी एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट में 3.29 करोड़ में से 2.89 करोड़ लोगों को शामिल किया गया था। करीब 40 लाख लोग अंतिम ड्राफ्ट से बाहर हो गए थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम ड्राफ्ट से बाहर हुए लोगों को अपनी आपत्तियों व दावों के लिए मौका देने का निर्देश दिया था। लोगों को 15 में से कोई एक दस्तावेज के जरिये अपना दावा प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार ने पहले एनआरसी को प्रकाशित करने की तारीख बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम तारीख बढ़ाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव जितना जरूरी है उतना ही जरूरी एनआरसी का काम है।