इससे पहले, योगी गोरखपुर सीट से पांच बार सांसद चुने जा चुके थे, लिहाजा इस सीट पर भाजपा की पराजय एक बड़ा झटका था। इसी तरह फूलपुर सीट पर भी भाजपा का खासा दबदबा था। फूलपुर में इस बार छठे चरण में 12 मई को जबकि गोरखपुर में सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होगा। गोरखपुर और फूलपुर सीटों पर भाजपा को हराकर औपचारिक गठजोड़ का एलान करने वाले सपा-बसपा आगे भी इन दोनों सीटों पर अपना कब्जा बनाए रखना चाहेंगे।
क्या है इन दोनों सीटें का सियासी समीकरण?
वहीं, भाजपा इन सीटों को फिर से अपने खाते में दर्ज कराने की जीतोड़ कोशिश कर रही है। भाजपा के लिए यह राहत की बात हो सकती है कि गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले सपा उम्मीदवार प्रवीण कुमार निषाद अब उसके पाले में आ गए हैं। वह (प्रवीण) पूर्वांचल की ही संत कबीर नगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। गोरखपुर में इस बार मुख्य मुकाबला सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी राम भुआल निषाद, भाजपा प्रत्याशी रवींद्र श्याम नारायण शुक्ला उर्फ रवि किशन और कांग्रेस उम्मीदवार मधुसूदन त्रिपाठी के बीच माना जा रहा है।
दूसरी ओर, फूलपुर में भाजपा की केशरी देवी पटेल, सपा के पंधारी यादव और कांग्रेस के पंकज पटेल मुख्य मुकाबले में हैं। इस बार गोरखपुर में 10 उम्मीदवार और फूलपुर में 14 प्रत्याशी मैदान में हैं। गोरखपुर में 19.54 लाख और फूलपुर में 19.75 लाख मतदाता हैं।