राफेल मामला: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, जांच की मांग वाली सभी समीक्षा याचिका खारिज होनी चाहिएन्यूज डेस्क

राफेल समीक्षा याचिका मामले में केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में लिखित आवेदन दाखिल किया है। जिसमें सरकार ने कहा है कि राफेल समझौते की जांच के लिए जितनी भी समीक्षा याचिका दायर की गई थीं, उन सभी को खारिज किया जाना चाहिए।
बता दें लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को एक बड़ा मुद्दा बनाया था। कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस सौदे में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराया था। हालांकि तमाम आरोपों के बाद भी चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल किया।
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। जिसके बाद अब केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से इससे जुड़ी याचिकाएं खारिज करने की मांग की है। केंद्र ने कोर्ट में दाखिल इन याचिकाओं को बनावटी और गलत आरोपों पर आधारित बताया है। सरकार ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कोई जानकारी नहीं छिपाई है। केंद्र ने ये भी कहा है कि इस रक्षा सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से कोई समानांतर बातचीत नहीं की गई है। इस संबंध में दायर याचिका चोरी हुई फाइलों से ली गई कुछेक जानकारी पर आधारित हैं, जिसकी गलत व्याख्या की गई है।
सरकार ने कहा है कि "किसी भी हस्तक्षेप से भारतीय वायु सेना की कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ सकता है। कैग की रिपोर्ट ने भी सरकार के कदम को सही ठहराया है, लिहाजा, याचिकाएं खारिज की जाएं।"
बता दें ये लड़ाकू विमान फ्रांस की दसॉ कंपनी से भारतीय वायुसेना के लिए खरीदे जा रहे हैं। ये सौदा कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में हुआ था। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी की सरकार के दौरान विमान की जो डील हुई थी, उससे कई गुना अधिक कीमत में मोदी सरकार के दौरान राफेल खरीदा जा रहा है।
राहुल ने ये भी आरोप लगाए थे कि विमान बनाने का कॉन्ट्रैक्ट एचएएल कंपनी की बजाय उद्योगपति अनिल अंबानी की नवगठित कंपनी को देकर उन्हें 30 हजार करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया गया।