
शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए सरदार आरपी सिंह ने कहा कि सैम पित्रोदा राजीव गांधी के करीबियों में थे और वे उन्हें महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर सलाह भी देते थे। ऐसे में इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उपजी परिस्थितियों पर उन्होंने राजीव गांधी को सलाह न दी हो। उनके मुताबिक इस तरह सिख दंगों के असली आरोपी स्वयं राजीव गांधी और उनके सलाहकार सैम पित्रोदा थे, और अब सैम पित्रोदा को उनके किए के लिए सजा मिलनी चाहिए।
इसके पूर्व, राहुल गांधी के मुख्य सलाहकार माने जाने वाले सैम पित्रोदा ने एक बयान के दौरान यह कह दिया कि 84 दंगों में जो हुआ, सो हुआ, लेकिन केंद्र सरकार को अपने पिछले पांच सालों के कामकाज का हिसाब देना चाहिए। उनके 'जो हुआ, सो हुआ' वाक्यांश ने भाजपा को मौका दे दिया और उसने इसे एक मुद्दा बना दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अनेक संगठनों ने कांग्रेस के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कांग्रेस से माफी की मांग की।
रविवार को लोकसभा चुनाव के छठें चरण के लिए मतदान होना है। इसमें दिल्ली सहित अनेक राज्यों की ऐसी सीटें हैं जहां सिख अच्छी संख्या में रहते हैं। ऐसे मौके पर अगर यह मामला तूल पकड़ता है तो इससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।