देश के पहले PM जवाहरलाल नेहरू की वसीयत में लिखी थीं ये बातें - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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सोमवार, 27 मई 2019

देश के पहले PM जवाहरलाल नेहरू की वसीयत में लिखी थीं ये बातें



भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आज 55वीं पुण्यतिथि है. आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने के साथ भारत के नव निर्माण, लोकतंत्र को मजबूत बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है. आइए जानते हैं उनके बारे में.

जन्म

पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था. नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू एक रुतबेदार वकील थे. वे इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे.

यहां से की पढ़ाई

नेहरू ने अपनी स्कूली शिक्षा हैरो से और कॉलेज की पढ़ाई ट्रिनिटी कॉलेज, लंदन से पूरी की. इसके बाद उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पूरी की. वह बचपन से ही पढ़ने-लिखने में होशियार थे. पंडित जवाहरलाल नेहरू का शुरुआती जीवन इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) में ही गुजरा. जब वह 15 साल के थे उन्हें इंग्लैंड के हैरो स्कूल में पढ़ने के लिए भेज दिया गया था. बता दें, हैरो से उन्होंने केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में एडमिशन लिया. जहां उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री ली. फिर लंदन के इनर टेंपल में दो वर्ष बिताकर उन्होंने वकालत की पढ़ाई की.

विवाह

नेहरू पढ़ाई करने के बाद भारत लौटे. 1916 में उनका विवाह कमला कौल के साथ हुआ. कमला दिल्ली में बसे कश्मीरी परिवार से थीं. 1919 और 1920 में मोतीलाल नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष बने. 1919 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी के साथ आ गए.

नेहरू जैकेट का फैशन

नेहरू के पहनावे का हर कोई दीवाना था. ऊंची कॉलर वाली जैकेट की उनकी पसंद ने नेहरू जैकेट को फैशन आइकन बना दिया. लोग आज भी इसे फॉलो करते हैं. आपको बता दें, नेहरू को 11 बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया गया लेकिन एक भी बार वह यह हासिल नहीं कर पाए.

... जब बने भारत के पहले प्रधानमंत्री

1947 में भारत को आजादी मिली और वह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री चुने गए. संसदीय सरकार की स्थापना और विदेशी मामलों गुटनिरपेक्ष नीतियों की शुरुआत जवाहरलाल नेहरू की ओर से हुई थी.


जेल से बेटी को लिखे पत्

नेहरू 9 बार जेल गए. जहां रहते हुए उन्होंने अपनी बेटी इंदिरा को 146 पत्र लिखे. इस बात का जिक्र उनकी लिखी किताब "Glimpses of World History" में है.

लिखी ये किताबें..

पंडित नेहरू एक अच्छे नेता और वक्ता ही नहीं थे, वो एक अच्छे लेखक भी थे. उन्होंने अंग्रेजी में 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया', 'ग्लिमप्स ऑफ वर्ल्ड हिस्टरी' और बायोग्राफी 'टुवर्ड फ्रीडम' कई किताबें लिखी हैं.


वसीयत में लिखी थी ये बातें

पंडित नेहरू ने अपनी वसीयत में लिखा था- मैं चाहता हूं कि मेरी मुट्ठीभर राख प्रयाग के संगम में बहा दी जाए जो हिन्दुस्तान के दामन को चूमते हुए समंदर में जा मिले, लेकिन मेरी राख का ज्यादा हिस्सा हवाई जहाज से ऊपर ले जाकर खेतों में बिखरा दिया जाए, वो खेत जहां हजारों मेहनतकश इंसान काम में लगे हैं, ताकि मेरे वजूद का हर जर्रा वतन की खाक में मिलकर एक हो जाए...

कैसे हुआ निधन

चीन के साथ संघर्ष के कुछ ही समय बाद नेहरू के स्वास्थ्य में गिरावट के लक्षण दिखाई देने लगे, उन्हें 1963 में दिल का हल्का दौरा पड़ा. जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई. कुछ ही महीनों के बाद 27 मई 1964 में उनका निधन हो गया. 

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