फिर मिला 300 Kashmiri pundits get a chance to join the soil, तीन दशक बाद कर पाएंगे पूजा Bharat Rajneeti
सांकेतिक तस्वीर Bharat Rajneeti
आतंकवाद के कारण घाटी छोड़ चुके करीबी 300 कश्मीरी पंडितों को एक बार फिर अपनी मिट्टी से जुड़ने का मौका मिला है। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने श्रीनगर के पास खीर भवानी मां के दर्शन के लिए इन लोगों को न्योता दिया है। यात्रा पर जा रहे कुछ के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है, वहीं कुछ इसे घर वापसी के प्रयास के पहले कदम के तौर पर देख रहे हैं।
कश्मीरी पंडितों की सात लाख की आबादी को 19 जनवरी 1990 भुलाए नहीं भूलता। करीब 30 साल पहले कश्मीर से विस्थापित हुईं दीपिका भान भावुक होकर कहती हैं कि फिलहाल अभी यह हमारी घर वापसी नहीं हो, लेकिन हमारे लिए उम्मीद की किरण है। मां भवानी का दर्शन करना बेहद खुशी का पल है। यह आध्यात्मिक यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कश्मीर की युवा पीढ़ी ने कश्मीरी पंडितों को नहीं देखा है। वे कभी हमारे साथ नहीं रहे हैं।
बकौल दीपिका यह देखना रोचक होगा कि वे लोग हमारे साथ कैसा व्यवहार करते हैं। यात्रा पर जा रहे निजी विश्वविद्यालय में सहायक रजिस्ट्रार 58 वर्षीय दीपक कौल और उनकी पत्नी भारती कौल के लिए यह सपना सच होने जैसा है, जिसे वे कश्मीर से विस्थापित होते समय भुला आए थे।
भारती कौल के मुताबिक यह कुछ दिन की यात्रा उन्हें घर वापसी के कम नहीं लग रही है। कश्मीर एजूकेशन कल्चर एंड साइंस सोसायटी के समन्वयक सतीश महलदार ने कहा कि यह कोशिश कोशिश घर वापसी के आगाज का पहला कदम हो सकती है, क्योंकि बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी उनके स्वागत के इंतजार में हैं।
आज रवाना होगा जत्था
नरसंहार के चलते रातों-रात घर से बेगाने हुए कश्मीरी पंडितों के लिए शनिवार का दिन पड़ी राहत लेकर आएगा। जम्मू-कश्मीर भवन से जत्था 10 जून को होने वाले माता खीर भवानी के ज्येष्ठ अष्टमी पूजन के लिए रवाना होगा। यात्रियों का खर्च और सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्यपाल उठाएंगे। करीब सप्ताह भर की यात्रा में यह लोग राज्यपाल के खास मेहमान होंगे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
सुरक्षा के लिहाज से छह वॉल्वो बसों में यात्रियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राज्य सरकार को यात्रियों की सूची पहले ही सौंपी जा चुकी है। कश्मीर में स्थानीय लोगों को इन मेहमानों के आने की सूचना देकर विशेष तैयारियां इनके स्वागत की गई हैं। इस यात्रा में सभी मेहमानों की खीर भवानी के अलावा हरि पर्वत श्रीनगर, शंकराचार्य मंदिर होते हुए 13 जून को दिल्ली वापसी होगी।