मरीजों के प्रति बर्ताव सुधारें और फील्ड में निकलें मेडिकल अफसर : मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ - फोटो : bharat rajneeti
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आए दिन अस्पतालों में मरीजों और तीमारदारों से बुरे बर्ताव की आ रही खबरों पर सख्त रुख दिखाते हुए डॉक्टरों और अस्पताल के अन्य कर्मियों को अपना बर्ताव सुधारने की नसीहत दी है। सीएम ने ताकीद किया कि मरीजों और तीमारदारों को बदला हुआ व्यवहार महसूस होना चाहिए।
सीएम ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) व मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों (सीएमएस) से कहा कि वे सीएचसी-पीएचसी और अस्पतालों की निरीक्षण की आदत डाल लें। मरीजों और स्टाफ से बातचीत करें। मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को लोक भवन में समीक्षा बैठक में सीएमओ-सीएमएस, संयुक्त निदेशक और अन्य अधिकारियों से रू-ब-रू थे। सीएम ने कहा, किसी मरीज के जीवन के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। ये सुनिश्चित होना चाहिए कि जिले के अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी में तैनात चिकित्सक, नर्सिंग, स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्यकर्मी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसलिए सीएमओ रोजाना किसी न किसी सीएचसी-पीएचसी और वेलनेस सेंटर (आरोग्य केंद्र) का निरीक्षण करें। संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी सभी जिलों का दौरा करें और सरकार की योजनाओं की समीक्षा करें। हर अस्पताल में एक नोडल ऑफिसर हो जो छोटी-बड़ी कमियों की निगरानी करें, ताकि मरीज को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
सीएमओ रोकें प्राइवेट प्रैक्टिस
योगी ने सीएमओ को निरीक्षण कर सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस रोकने के निर्देश दिए। कहाकि, शिकायतें मिलती हैं कि सीएचसी पर तैनात डॉक्टर अस्पताल में न आकर निजी प्रैक्टिस करते हैं। सरकार समय पर डॉक्टरों को वेतन देती है तो वह समय पर सीएचसी में क्यों नहीं बैठ रहे हैं? अस्पताल में दवा मिल रही है कि नहीं, इसकी भी जांच होनी चाहिए।
सीएमएस हर बेड पर मरीज से करें बात
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएमएस अपने अस्पताल के हर बेड पर मरीज से बातचीत करें और नियमित राउंड लें। 108 एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को जवाबदेही तय कर और कम करें। जरूरत होने पर चिकित्सालयों में टेलीमेडिसन की सुविधा उपलब्ध कराएं और आयुष्मान मित्रों के कार्यों की समीक्षा करें।
कंधे पर शव ले जाने की घटनाओं से नाराज
योगी ने अस्पतालों में दुर्भाग्यवश मरीज की मौत के बाद शव को तीमारदारों के कंधे पर ले जाने की घटनाओं पर नाराजगी जताई। कहा कि जब शव को वाहन से भेजने की व्यवस्था है तो कंधे या गोद में मरीज के शव कैसे दिए जा रहे हैं? अस्पतालों में स्ट्रेचर न होने, पर्श पर लिटाकर इलाज करने के मामलों को भी सरकार की छवि खराब करने वाला बताया।
जेई-एईएस से सतर्क रहने के निर्देश
बिहार में दिमागी बुखार से 35 मौतें होने का हवाला देते हुए योगी ने कहा कि आपदा की पहले से तैयारी होनी चाहिए। जेई-एईएस के नियंत्रण के लिए सीएमओ के साथ वरिष्ठ अधिकारी सभी जिलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाएं।
एक जुलाई से चलने वाले संक्रामक रोग नियंत्रण अभियान में सभी शामिल हों। गोरखपुर के सीएमओ ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान, वाराणसी सीएमओ ने आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के बारे में जानकारी। झलकारी बाई महिला चिकित्सालय की सीएमएस और यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉर्पोरेशन ने अपने प्रेजेंटेशन दिए।