
पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने कोर्ट में अर्जी लगाकर घटना के दिन का वीडियो कोर्ट के सामने पेश करने की इजाजत मांगी थी। सोमनाथ भारती का कहना था कि यह झूठा मामला है और वीडियो से दिल्ली पुलिस की सचाई सामने आ सकती है। भारती ने कहा कि उस रात पुलिस व उनकी तरफ से वीडियोग्राफी की गई थी।
सोमनाथ भारती ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घटना का वीडियो अपने आरोप पत्र में शामिल नहीं किया, जिससे सच्चाई सामने न आए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में वीडियो को अहम साक्ष्य माना है। ऐसे में वीडियो को शामिल न किए जाने से उनका हित प्रभावित हो रहा है। अब वीडियो से सच्चाई सामने आएगी।
आप नेता और दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती समेत 16 लोगों के खिलाफ खिड़की एक्स्टेंशन मामले में केस दर्ज किया गया था। मालवीय नगर से विधायक सोमनाथ भारती पर आरोप है कि उन्होंने समर्थकों के साथ खिड़की एक्सटेंशन में युगांडा मूल के लोगों के घर में घुसकर मारपीट की थी। सोमनाथ भारती और अन्य लोगों पर महिलाओं ने छेड़खानी और बदसलूकी के भी आरोप लगाए थे।