अखिलेश नहीं चाहते थे मुस्लिमों को ज्यादा टिकट दिए जाएं पर मैंने उनकी बात नहीं मानी: मायावती
मायावती व अखिलेश यादव - फोटो : bharat rajneeti
बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव में हार का ठीकरा एक बार फिर सपा मुखिया अखिलेश यादव के सिर फोड़ा है। उन्होंने यहां तक कहा कि अखिलेश नहीं चाहते थे कि मुस्लिमों को ज्यादा टिकट दिए जाएं।
उन्होंने चुनाव के दौरान संदेश भिजवाया था कि इससे ध्रुवीकरण होगा, लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी। अखिलेश ने चुनाव में गठबंधन की हार के जिम्मेदार सपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई तक नहीं की।
मायावती ने बसपा प्रदेश मुख्यालय पर पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में लोकसभा चुनाव में यूपी में गठबंधन करने और उसके नतीजे के बाद की गतिविधियों पर जानकारी साझा की। बैठक में यूपी के सांसदों से लेकर विधानसभा स्तर तक के पदाधिकारी बुलाए गए थे। बैठक में शामिल लोगों के मुताबिक मायावती ने कहा कि गठबंधन के चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने उन्हें फोन नहीं किया।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने उनसे फोन करने को भी कहा, तब भी नहीं किया। पर, बड़े होने की वजह से मैंने उन्हें फोन किया और उनके परिवार के सदस्यों की हार पर सहानुभूति जताई। इसी तरह तीन जून को जब दिल्ली में उपचुनाव अकेले लड़ने की बात कही तो अखिलेश ने मिश्र को फोन किया, मुझे नहीं किया।
सपा ने 4 और बसपा ने 6 मुस्लिमों को दिए थे टिकट
लोकसभा चुनाव में सपा ने 4 और बसपा ने 6 मुस्लिमों को टिकट दिए थे। दोनों दलों के तीन-तीन सांसद विजयी रहे। चुनाव में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन मुसलमानों की पहली पसंद रहा।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश से कोई भी मुस्लिम सांसद नहीं चुना गया था।
कैराना लोकसभा सीट पर 2018 में हुए उपचुनाव में रालोद की तबस्सुम हसन सांसद चुनी गई थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा ने मुस्लिम बहुल चार सीटों कैराना, मुरादाबाद, संभल व रामपुर से मुस्लिम प्रत्याशी उतारे। इनमें कैराना को छोड़कर शेष तीन सीटों पर सपा के मुस्लिम सांसद चुने गए।
वहीं, बसपा ने 6 लोकसभा सीटों सहारनपुर, मेरठ, अमरोहा, धौरहरा, डुमरियागंज और गाजीपुर से मुस्लिम उम्मीदवार उतारे। इनमें सहारनपुर, अमरोहा व गाजीपुर से बसपा के मुस्लिम सांसद विजयी हुए। इस तरह सपा-बसपा गठबंधन ने कुल 10 सीटों पर मुस्लिमों को टिकट दिए जिनमें 6 विजयी रहे। इनमें पांच पश्चिमी यूपी और एक पूर्वांचल से हैं। इस तरह गठबंधन में सबसे ज्यादा सफलता दर मुस्लिम उम्मीदवारों की रही।
इन नेताओं को सपा-बसपा ने दिए टिकट
सपा के मुस्लिम सांसद
मुरादाबाद से डॉ. एसटी हसन, संभल से शफीकुर्रहमान बर्क और रामपुर से आजम खां।
बसपा के मुस्लिम सांसद
सहारनपुर से फजलुर्रहमान, अमरोहा से दानिश अली और गाजीपुर से अफजाल अंसारी।
...यानी राहें पूरी तरह अलग
मायावती ने पहले कहा था कि विस उपचुनाव अलग लड़ने के बावजूद सपा से गठबंधन के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। पर, रविवार को उन्होंने जिस तरह अखिलेश पर हार का ठीकरा फोड़ा, वह पूरी तरह राहें अलग होने का संदेश है।