आतंकवाद, उग्रवाद, हाईजैकर्स का एक इलाज, अजीत डोभाल - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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मंगलवार, 4 जून 2019

आतंकवाद, उग्रवाद, हाईजैकर्स का एक इलाज, अजीत डोभाल

आतंकवाद, उग्रवाद, हाईजैकर्स का एक इलाज, अजीत डोभाल


ajit doval
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50 के दशक में मिजो मूल के भारतीय सेना के एक हवलदार लालडेंगा को केंद्र सरकार की नीतियां अपने क्षेत्र के लिए अनुचित लगीं। नतीजतन उसने सेना की नौकरी छोड़ी, बागी होकर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) बनाया और मिजोरम को भारत से पृथक एक संप्रभु राष्ट्र बनाने के लिए हिंसक आंदोलन छेड़ दिया। मिजो जिला उस समय असम का हिस्सा था। एमएनएफ ने सरकारी कार्यालयों और सुरक्षाबालों पर हमले शुरू कर दिए। इस आंदोलन से सेना तो निपट ही रही थी, केरल काडर के एक युवा आईपीएस अधिकारी अजीत डोवाल को पृथकतावादियों से वार्ता में लगाया गया।
डोवाल ने वार्ता के दौरान इस आंदोलन के नेताओं का दृष्टिकोण न केवल भारत के साथ रहने के लिए बदला बल्कि अंतत: खुद लालडेंगा ने भी शांति प्रस्ताव को स्वीकार किया। इन वार्ताओं की सफलता ने अजित डोवाल को अपने सेवाकाल के मात्र छठवें वर्ष में पुलिस सेवा मेडल दिलवाया, यह सम्मान पाने वाले वे सबसे युवा पुलिस अधिकारी बने। यह एक घटना इंटेलीजेंस और राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े मामलों में अजित डोवाल की भूमिका को केवल समझाने के लिए काफी है। 

डोवाल ने अपने करीब 37 वर्ष के कॅरिअर में सिक्कम के भारत में विलय, आईएसआई समर्थित खालिस्तानी आतंकवाद, रोमानियाई राजदूत लिवियू राडु की पंजाब में अपहरण के बाद रिहाई, स्वर्ण मंदिर को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए चले ऑपरेशन ब्लैक थंडर, इस्लामाबाद में सात वर्ष हाईकमीशन में सेवा और 90 के दशक में कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ इख्वान उल मुस्लेमून संगठन स्थापित करने जैसे कारनामे अंजाम दिए। इनके लिए उन्हें विशेष रूप से पहचाना जाता है।

बचपन, स्कूल और आईपीएस : कीर्ति चक्र पाने वाले पहले पुलिस अधिकारी

वर्ष 1945 में अजित का जन्म पौड़ी गढ़वाल के घिरी बनेलसियुन गांव में हुआ। अजित डोवाल के पिता जीएन डोवाल सेना में मेजर थे। अजित की स्कूली शिक्षा अजमेर के राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में हुई जिसे भारतीय सेना चलाती है। यहां वे 1955-56 बैच के विद्यार्थी के रूप में जाने जाते हैं। अजित ने आगरा यूनिवर्सिटी से 1967 में अर्थशास्त्र में मास्टर्स किया और अगले ही वर्ष प्रतिष्ठित आईपीएस के केरल काडर में चुने गए। वे 1988 में भारतीय सेना का प्रतिष्ठित कीर्ति चक्र पाने वाले पहले पुलिस अधिकारी भी बने।

15 विमान हाईजैकिंग, सभी में वार्ताकार

वर्ष 1971 से 1999 के दौरान देश में हुई 15 विमान हाईजैकिंग के दौरान अजित डोवाल हर बार अपहर्ताओं से वार्ताकारों में शामिल रहे। इंटेलीजेंस ब्यूरो के साथ साथ वे मल्टी एजेंसी सेंटर और जॉइंट टास्क फोर्स ऑन इंटेलीजेंसी के संस्थापक अध्यक्ष भी बने। 2005 में आईपीएस से रिटायर होने के बाद आईबी के निदेशक बनाए गए और 2014 में उन्हें पहली दफा सुरक्षा सलाहकार बनाया गया।

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