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शनिवार, 29 जून 2019

बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए सरकार का बड़ा कदम, 30 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे

बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए सरकार का बड़ा कदम, 30 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे

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खास बातें

  • निर्बाध आपूर्ति के साथ कर्ज संकट से जूझ रहे डिस्कॉम को मिलेगी मदद
  • 2,000 रुपये का खर्च आएगा एक स्मार्ट मीटर को लगाने में
  • 60 हजार करोड़ रुपये लागत आएगी देशभर में योजना लागू करने में
बिजली की बढ़ती खपत के बीच मुश्किलों से जूझ रहे ऊर्जा क्षेत्र में सुधार लाने के लिए सरकार देश के सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी में है। मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए करीब 30 करोड़ स्मार्ट लगाए जाएंगे। यह कदम कर्ज संकट से जूझ रहीं डिस्कॉम को भी सहारा देगा।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस योजना को अगले तीन साल में पूरा करने के लिए स्मार्ट मीटर निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत शुरू कर दी है। मंत्रालय का मानना है कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली खपत के डाटा की निगरानी और संचारण की बेहतर व्यवस्था होने से दक्षता में सुधार आएगा। अभी ऊर्जा क्षेत्र की खराब वित्तीय हालत के कारण देशभर में निर्बाध विद्युत आपूर्ति कंपनियों के लिए मुश्किल हो रही है। यही कारण है कि सरकार ऊर्जा बचत वाली एलईडी, सौर ऊर्जा सिंचाई यंत्र और बिजली चोरी रोकने वाले तार लगाने जैसे प्रभावी कदम उठा रही है।

उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर विचार 

अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट मीटर की लागत मौजूदा मीटर के मुकाबले थोड़ी ज्यादा आएगी। इसके भार से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए वह सब्सिडी देने पर विचार कर रही है। मंत्रालय के अनुसा, एक स्मार्ट मीटर पर करीब 2,000 रुपये की लागत आएगी। इस तरह, पूरे देश में योजना लागू करने की अनुमानित लागत 60 हजार करोड़ रुपये होगी। ये कीमतें 2017 में सरकार के 2,500 रुपये प्रति मीटर से कम रहेंगी। 

डिस्कॉम को हो रहा नुकसान

ऊर्जा मंत्रालय को विश्वास है कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने से विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की स्थिति में सुधार आएगा। अभी कई तकनीकी और वाणिज्यिक कारणों से इन कंपनियों का राजस्व 20 फीसदी कम हो गया है। इसमें बिजली चोरी और फर्जी बिल जारी या भुगतान जैसे बड़े खेल शामिल हैं। 2019 के पहले नौ महीने में राज्य विद्युत वितरण कंपनियों का संयुक्त घाटा 62 फीसदी यानी 240 अरब रुपये पहुंच गया है।

10 हजार करोड़ जुटाएगा पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन

सार्वजनिक क्षेत्र के पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ने शुक्रवार बताया कि बोर्ड की 3 जुलाई को होने वाली बैठक में 10 हजार करोड़ की पूंजी जुटाने पर फैसला किया जाएगा। यह राशि गैर परिवर्तनीय डिबेंचर्स और बांड के जरिये जुटाई जाएगी। हालांकि, यह राशि किन कारणों से जुटाई जा रही है, इसका खुलासा नहीं किया है। शुक्रवार को बीएसई पर कॉरपोरेशन के शेयरों का मूल्य 207.70 रुपये प्रति इकाई के भाव रहा।

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