स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने खुद किया दिमागी बुखार के 100 मरीजों का इलाज: अश्विनी चौबे
Central health Minister Dr. Harshwardhan and Ashwini Chaubey in Muzaffarpur(File Photo) - फोटो : bharat rajneeti
स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शुक्रवार को कहा कि सरकार दिमागी बुखार (एक्यूट एंसेफेलिटिस सिंड्रोम) को जड़ से खत्म करने की दीर्घकालिक योजना पर काम कर रही है। इस बीमारी से बिहार में सौ से अधिक बच्चों ने इस साल दम तोड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बीमारी से पीड़ित बच्चों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ देेने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि केंद्र ने तीन स्तरीय स्वास्थ्य दलों को बिहार में भेजा है ताकि बीमारी का रोकथाम किया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने खुद 100 मरीजों का इलाज किया।
बिहार में दिमागी बुखार यानी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। पिछले दिनों राज्यसभा में पीएम मोदी ने भी इसे नाकामी बताया था। उन्होंने कहा कि चमकी बुखार से मौतें हमारे लिए शर्मिंदगी की बात है। यह हमारी नाकामी दिखाती है।
पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा था- पिछले दिनों बिहार के चमकी बुखार की चर्चा हुई है। आधुनिक युग में ऐसी स्थिति हम सभी के लिए दुख और शर्मिंदगी की बात है। उन्होंने कहा था कि इस दुखद स्थिति में हम राज्य के साथ मिलकर मदद पहुंचा रहे हैं। ऐसी संकट की घड़ी में हमें मिलकर लोगों को बचाना होगा।