दिल्ली में बुजुर्ग भाई-बहन के सड़े-गले शव मिले, बदबू आई तो पड़ोसियों को चला पता
फाइल फोटो : bharat rajneeti
भारत नगर के राणा प्रताप बाग स्थित एक घर में बुजुर्ग भाई-बहन की मौत का मामला पुलिस दूसरे दिन भी नहीं सुलझा पाई। राजकुमारी (79) का शव सड़ी-गली हालत में कमरे में फर्श पर मिला, जबकि लकवे का शिकार बीमार भाई चमनलाल खोसला (95) का शव बरामदे में चारपाई पर मिला। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि पहले वृद्घा की मौत हुई और उसके बाद भाई ने भी दम तोड़ दिया। दोनों के शरीर पर किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं मिले हैं। मौत की वजह गर्मी और भूख-प्यास हो सकती है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, चमनलाल और राजकुमारी अकेले ए-20/3ए, राणा प्रताप बाग में पुश्तैनी मकान में रहते थे। दोनों अविवाहित थे। राजकुमारी डाकघर से रिटायर्ड थीं, जबकि चमनलाल एलआईसी से रिटायर्ड थे। चार बहन-भाइयों के परिवार में चमन के इकलौते विवाहित भाई जीवन लाल खोसला अपने परिवार के साथ आनंद विहार में रहते हैं, इनका भतीजा गुरुग्राम में रहता है। 10-12 साल पूर्व चमन एक हादसे में घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें लकवा हो गया था। इनका ख्याल राजकुमारी ही रखती थी। चमन का भाई व भतीजा फोन पर उनका हालचाल लेते रहते थे। सोमवार व मंगलवार को चमन के भतीजे ने बुआ राजकुमारी और ताऊ चमन को कॉल किया, तो उनका फोन नहीं उठा। बुधवार को भी जब ऐसा हुआ, तो उसने पड़ोस में रहने वाले एक शख्स से दोनों का हालचाल लेने के लिए कहा। पड़ोसी जब घर पहुंचे तो घर का दरवाजा अंदर से बंद था। धक्का देने पर दरवाजा खुल गया। घर के अंदर से तेज दुर्गंध आई। अंदर जाने पर बरामदे में चमन का शव चारपाई पर मिला, जबकि राजकुमारी अंदर कमरे में फर्श पर मृत मिली। राजकुमारी का शव सड़ चुका था।
सुबह करीब 9.43 बजे मामले की सूचना पड़ोसियों ने पुलिस को दी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। क्राइम टीम को मौके पर बुला लिया गया। जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि राजकुमारी ने रविवार सुबह आखिरी बार दूध लिया था। इसके बाद दूध वाला घर पहुंचा तो घर का दरवाजा नहीं खुला, वह बिना दूध दिए लौट गया। आशंका व्यक्त की जा रही है कि रविवार को ही किसी समय राजकुमारी की मौत हो गई। इसके बाद गर्मी, भूख और प्यास से बाद में चमनलाल की भी मौत हो गई। शुरुआती जांच के बाद पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसा लगता है कि चमन की मौत मंगलवार को किसी समय हुई होगी। दोनों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए विसरा सुरक्षित रखवा लिया गया है।
पड़ोसियों से नहीं रखते थे संबंध
पड़ोसी राकेश कुमार ने बताया कि चमनलाल और उनकी बहन राजकुमारी पड़ोसियों से मिलते-जुलते नहीं थे। चमनलाल को पड़ोसियों ने पिछले सात माह से देखा तक नहीं था। राजकुमारी ही घर से बाहर सामान लेने निकलती थीं। बाहर पड़ोसियों से मिलने पर बस वह नमस्ते कर निकल जाती थी। पड़ोसियों का कहना है कि आनंद विहार में रहने वाले चमन के भाई भी कम ही मिलते थे।
नहीं थे सीनियर सिटीजन सेल में रजिस्टर्ड
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों बहन-भाई ने खुद को दिल्ली पुलिस की सीनियर सिटीजन सेल में रजिस्टर्ड नहीं कराया हुआ था। कई बार पुलिसकर्मियों व बीट स्टाफ ने उनसे मिलने का प्रयास किया तो उन्होंने खुद को रजिस्टर्ड कराने से मना कर दिया था, लेकिन इसके बाद भी बीट स्टाफ उनका हालचाल लेने घर आते-जाते रहते थे। दूसरी ओर पड़ोसी इससे इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि घर पर कभी किसी भी पुलिसकर्मी को नहीं देखा था।
बाहरी शख्स के घर में दाखिल होने से पुलिस का इंकार
पुलिस अधिकारियों ने किसी भी बाहरी शख्स के चमनलाल के घर में घुसने की बात से इंकार किया है। पुलिस का कहना है कि चमन के घर का सामान ज्यों का त्यों मिला है। क्राइम टीम जांच कर रही है। तथ्यों के आधार आगे की कार्रवाई की जाएगी।