पाकिस्तान के Foreign Minister ने एस जयशंकर को पत्र लिखकर दी शुभकामना Bharat Rajneeti

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रमण्यम जयशंकर को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने विदेश मंत्री के तौर पर उनकी नियुक्ति पर शुभकामना दी। जयशंकर पहले मोदी कार्यकाल के दौरान विदेश सचिव की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। उनसे पहले सुषमा स्वराज विदेश मंत्री थीं।
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Pakistan Foreign Minister Shah Mahmood Qureshi writes to Dr. Subrahmanyam Jaishankar congratulating him for his appointment as External Affairs Minister (Bharat Rajneeti )
पत्र में कुरैशी ने दोनों देशों के बीच बातचीत की वकालत की है। इससे पहले पांच जून को पाकिस्तान के विदेश सचिव पूर्व उच्चायुक्त सोहेल महमूद ईद-उल-फितर के मौके पर भारत में मौजूद थे। 14 अप्रैल को पाकिस्तान वापस जाने से पहले महमूद ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत ही एकमात्र विकल्प है जिससे आपसी सरोकारों को समझा जा सकता है और क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि भारत में लोकसभा चुनाव के बाद दोबारा बातचीत शुरू होगी।
कुरैशी ने जयशंकर को ऐसे समय पर शुभकामना दी है जब अटकले हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत दोबारा शुरू हो सकती है। हालांकि विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि नहीं की है। दोनों देशों के बीच 2016 से ही आधिकारिक बातचीत बंद है। भारत ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं चल सकते हैं।
इसके बाद 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमलों ने रिश्तों में जारी तनाव को और बढ़ाने का काम किया। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अगले हफ्ते बिश्केक में होने वाली कांफ्रेंस के दौरान इमराम खान और प्रधानमंत्री मोदी के बीच कोई बैठक नहीं होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि मेरी जानकारी में प्रधानमंत्री मोदी और इमरान खान की किसी तरह की मुलाकात तय नहीं है। रवीश कुमार ने कहा कि बिश्केक में होने वाले एससीओ समिट के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच कोई बैठक नहीं होगी। उन्होंने पाकिस्तान के विदेश सचिव सोहेल महमूद के भारत दौरे पर कहा कि पाकिस्तान के विदेश सचिव की यात्रा निजी थी और उनके साथ किसी तरह की कोई आधिकारिक बैठक सुनिश्चित नहीं थी।