Himachal में Poor सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू, इस वर्ग का कोटा खत्म
Bharat Rajneeti
हिमाचल में गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू हो गया है। आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) सामान्य वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए दस फीसदी आरक्षण मिलेगा।
सालाना चार लाख से कम आय वाले परिवार इसके लिए पात्र होंगे। मंगलवार को मुख्य सचिव ने इस संबंध में प्रशासनिक सचिवों, सभी विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों, निगमों-बोर्डों और अन्य स्वायत्त संस्थाओं के प्रमुखों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
इस आरक्षण व्यवस्था के साथ ही प्रदेश में पहले से लागू सामान्य श्रेणी के बीपीएल के लिए तय आठ प्रतिशत आरक्षण कोटे को खत्म कर दिया गया है। इसे सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण में ही शामिल कर लिया गया है। बीपीएल श्रेणी के आवेदकों को ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आवेदन करना होगा।
अतिरिक्त प्रमाणपत्र बनाने की जरूरत नहीं होगी
इन्हें कोई अतिरिक्त प्रमाणपत्र बनाने की जरूरत नहीं होगी। आवेदन के दौरान उन्हें सिर्फ बीपीएल प्रमाणपत्र ही देना होगा। हालांकि, ओबीसी, एससी-एसटी के बीपीएल अभ्यर्थियों के लिए तय सात प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था यथावत रहेगी।
आरक्षण की इस श्रेणी में पद खाली रहने की सूरत में उसे सामान्य श्रेणी से भरा जाएगा। यानी इसका बैकलॉग नहीं बनेगा। सरकार की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार इस आरक्षण का लाभ सामान्य वर्ग के सभी बीपीएल के अलावा उन गरीब अभ्यर्थियों को भी मिलेगा, जिनकी पारिवारिक आय चार लाख से कम है।
इस श्रेणी में आरक्षण का लाभ लेने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में एक हेक्टेयर से कम कृषि भूमि और शहरी क्षेत्र में पांच सौ वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन नहीं होनी चाहिए।
इनको नहीं मिलेगा लाभ
यही नहीं, घर या फ्लैट भी ढाई हजार वर्ग फुट से ज्यादा का होने पर नई आरक्षण व्यवस्था का लाभ नहीं मिलेगा। इनकम टैक्स देने वाले, केंद्र व राज्य सरकार, बोर्ड, निगम और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के नियमित अथवा अनुबंध कर्मचारी के परिवार के सदस्य भी इसके लिए पात्र नहीं होंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्मिक आरडी धीमान ने हिमाचल में गरीब सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण लागू होने की पुष्टि करते हुए कहा कि इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
गलत प्रमाणपत्र देने पर होगी ये कार्रवाई
सरकार की ओर से जारी निर्देशों में साफ है कि अगर आवेदन के बाद ईडब्ल्यूएस का सर्टिफिकेट या उसमें दी जानकारी झूठी निकली है तो आवेदन और नौकरी दोनों बर्खास्त हो जाएंगे। नियुक्ति के समय नियोक्ता इस श्रेणी के तहत चयनित अभ्यर्थी के नियुक्ति पत्र में इस शर्त को दाखिल करेगा।
पात्र न मिलने पर सामान्य वर्ग से भरे जाएंगे पद
ईडब्ल्यूएस श्रेणी के दस प्रतिशत कोटे को कभी बैकलॉग के रूप में आगे की भर्तियों के लिए नहीं रखा जाएगा। अगर इस श्रेणी के तहत चिह्नित पदों के लिए पात्र अभ्यर्थी नहीं मिलते हैं तो बचे हुए पदों को सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों में से चयन किया जाएगा। यह शर्त आवेदन मांगने के समय स्पष्ट रूप से नियम एवं शर्तों में लागू होगी।
ये अधिकारी बनाएंगे प्रमाणपत्र
ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ लेने के लिए आवेदक को आय एवं संपत्ति सर्टिफिकेट बनवाना होगा। यह प्रमाणपत्र उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, संबंधित क्षेत्र का एसडीएम और तहसीलदार तक के राजस्व अधिकारी जारी कर सकेंगे।
अनारक्षित श्रेणी में भी आवेदन कर सकेंगे ईडब्ल्यूएस आवेदक
कोई भी ईडब्ल्यूएस आवेदक अनारक्षित श्रेणी के तहत भी आवेदन कर सकता है। अगर कोई ईडब्ल्यूएस आवेदक आरक्षण व्यवस्था के बजाय अपनी मेरिट के आधार पर चयनित होता है तो भी उसकी सीट को सामान्य श्रेणी के तहत ही माना जाएगा और ईडब्ल्यूएस कोटे की सीट के लिए इस श्रेणी के अगले आवेदक पर विचार किया जाएगा।