कर्नाटक के बाद भाजपा की निगाहें आंध्रप्रदेश पर, बन सकती है मुख्य विपक्षी दल
नरेंद्र मोदी-अमित शाह - फोटो : bharat rajneeti
दक्षिण भारत में कर्नाटक के बाद अब भारतीय जनता पार्टी की निगाहें आंध्र प्रदेश में जड़ें ज़माने पर हैं। तेलगू देशम पार्टी के छह में से चार राज्यसभा सांसद पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उसके कुल 23 विधायकों में से 13 भाजपा के संपर्क में हैं। जब ये भाजपा में शामिल हो जाएंगे तो आंध्र प्रदेश विधानसभा में टीडीपी की जगह भाजपा मुख्य विपक्षी दल बन जाएगी।
हाल ही में संपन्न लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा आंध्र प्रदेश में एक भी सीट जीत पाने में असफल रही थी। उसे एक प्रतिशत वोट भी नहीं मिले। सभी 175 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी। लेकिन वहां कांग्रेस पहले ही साफ हो चुकी है। राज्य की 175 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। लेकिन उसे 1.19 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि वाईएसआर कांग्रेस ने 49 प्रतिशत वोट पाकर 151 सीटें जीती और सरकार बनाई।
ऐसे में भाजपा का विस्तार का रास्ता साफ है। टीडीपी के सांसद और विधायकों ने भाजपा में शामिल होकर उसका काम आसान कल दिया है। गुरुवार को टीडीपी के मुख्य प्रवक्ता लंका दिनकर भाजपा में शामिल हो गए। इसी तरह टीडीपी के 23 में से एक दर्जन से ज्यादा विधायक भाजपा मे शामिल होने को तैयार हैं। लेकिन यह संख्या दल बदल कानून के तहत आ रही है। इसीलिए वे और समर्थन जुटा रहे हैं। जैसे ही उनकी संख्या 16 हो जाएगी, वे भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
अगला टारगेट वाईएसआरसीपी
भाजपा को उम्मीद है कि टीडीपी के जमींदोज होने के बाद अगला चुनाव वाईएसआरसीपी बनाम भाजपा ही होगा। इसलिए कुछ बाद में ही सही लेकिन उसे वाईएसआर कांग्रेस के खिलाफ भी मोर्चा खोलना ही पड़ेगा। खासतौर पर यदि वह टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले खोलने में कोताही करती है तो।
पार्टी ने यह ज़िम्मेदारी सुनील देवधर पर डाली है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता देवधर वही व्यक्ति हैं जिन्होंने दो साल पहले त्रिपुरा में 25 साल से चल रही माणिक सरकार की सत्ता पलट दी थी।
नायडू मना रहे हैं छुट्टियां
जहां एक ओर टीडीपी में भगदड़ मची है, वहीं पार्टी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू परिवार सहित विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं। गत विधानसभा चुनाव में टीडीपी को 39 प्रतिशत वोट मिले थे लेकिन लगता नहीं कि वह यह प्रदर्शन भी क़ायम रख पाएंगे।