कश्मीर में आतंक पर चोट और सुशासन से वोट का निशाना साध गए गृहमंत्री अमित शाह
अमित शाह और सत्यपाल मलिक (फाइल फोटो) - फोटो : bharat rajneeti
खास बातें
- प्रशासनिक अधिकारियों को सुशासन व सुरक्षा बलों को आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की दी नसीहत
- सुरक्षा बलों, पंचों, सरपंचों, सियासी कार्यकर्ताओं का बढ़ा गए मनोबल
लीक से हटकर अपनी रणनीति को अंजाम तक पहुंचाने में निपुण अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में कश्मीर के अपने पहले दौरे से ही आतंक पर चोट और सुशासन से फतह के मिशन पर रहे। शाह के दौरे में पीएम मोदी के कश्मीर के लिए तय किये तीन मंत्र कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत की छाप भी दिखायी दी।
आतंकवाद पर यहां उन्होंने जीरो टालरेंस की बात की। वहीं जमीनी स्तर पर विश्वास पैदा करने के लिए सुशासन पर जोर दिया। सरपंचों पंचों से मुलाकात कर उनके मसलों के हल कर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का दिल जीतने का प्रयास भी किया। शहीद एसएचओ के घर जाकर उनके परिजनों से मिले। अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले कश्मीर का दौरा करके साफ कर दिया कि इस धार्मिक यात्रा के लिए सरकार जरा भी चूक नहीं चाहती है।
पंचायतों को अधिकार की बात करके शाह ने ग्रामीणों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पंचों और सरपंचों ने भी शाह की पहल का खुले दिल से स्वागत किया। राज्यपाल सत्यपाल मलिक व राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों से उन्होंने सुशासन के जरिये लोगों को जोड़ने को कहा। उन्होंने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने को कठोर कदम उठाए जाने पर जोर दिया। अनंतनाग में शहीद हुए जम्मू कश्मीर पुलिस के थाना प्रभारी अरशद खान के शोक संतप्त परिवार से मिलकर उनका दुख साझा कर व हर तरह के सहयोग का आश्वासन देकर उन्हें राज्य पुलिस और सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाने का प्रयास भी किया।
सेना व सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ाते हुए आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की बात कहीं। वहीं दूसरी तरह अपनी चिर प्रचलित शैली में नरमी रखते हुए शाह ने अपने दौरे में ऐसी कोई भी बात नहीं की जिससे श्री अमरनाथ यात्रा के करीब घाटी में माहौल बिगड़े। भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं का भी शाह ने मनोबल बढ़ाते हुए विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हो जाने बात कहकर रियासत के सियासी माहौल को गर्म करने की पृष्ठ भूमि तैयार कर दी है।
आतंकियों को जमीनी स्तर पर मदद रुके तो बनेगी बात
कश्मीर में अब तक आतंकवाद को खत्म करने में समस्या बड़ी समस्या जमीनी स्तर पर आतंकियों को मदद मिलना रहा है। आतंकवादी ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के घरों में पनाह लेते है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निर्वाचित सरंपचो व पंचों के माध्यम से ग्रामीणों में विश्वास बहाल करने की रण्नीति तैयार की। अगर जमीनी स्तर पर आतंकवादियों को मदद मिलनी कम हुई तो उन पर शिकंजा कसना सुरक्षा बलों के लिए बेहद आसान हो जाएगा।
शांतिपूर्ण श्री अमरनाथ यात्रा पर जोर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक जुलाई से शुरू हो रही श्री अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाओं में कोई चूक नहीं चाहते हैं। उन्होंने इस बारे में स्पष्ट रूप से संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए है। खासतौर से यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया है। श्री अमरनाथ यात्रा से रोजगार के अवसर कश्मीर संभाग के लोगों के लिए पैदा होते है। ऐसे में स्थानीय लोगों को यात्रा से जोड़कर विश्वास बहाली की बात भी कही गई है।