रक्षामंत्री बनने के बाद पहले आधिकारिक दौरे पर आज सियाचिन जाएंगे राजनाथ, सेना प्रमुख भी रहेंगे साथ
रक्षा मंत्री लेह में 14 कोर तथा श्रीनगर में 15 कोर का दौरा करेंगे। वे सबसे पहले लद्दाख में थोसे एयरफील्ड पहुंचेंगे। यहां से वे किसी आपरेशनल बेस में जाएंगे। फिर सियाचिन पहुंचकर सेना के जवानों से रूबरू होंगे। इस दौरान वे जवानों तथा सेना कमांडरों का हौसला बढ़ाएंगे।
राष्ट्रीय राजधानी से बाहर रक्षा बेस पर यह उनकी पहली यात्रा है। रक्षा मंत्री यहां के वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद जवानों से मुलाकात करेंगे। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों से सियाचिन की परिस्थिति और रक्षा चुनौतियों के बारे में भी जानकारी लेंगे।
माना जा रहा है कि 14 कोर एवं 15 कोर में रक्षा मंत्री को पाकिस्तान के नापाक इरादों से निपटने के लिए की गई तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। 14 कोर चीन के साथ लगते एलएसी (लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल) के साथ-साथ पाकिस्तान के साथ लगते एलओसी की जिम्मेदारी संभालता है, जबकि 15 कोर मुख्य रूप से घाटी में आतंकवाद निरोधक अभियानों को।
1984 में सियाचिन पर तैनाती हुई थी शुरू
यह विश्व का सबसे बड़ा और ऊंचा युद्ध क्षेत्र है और सर्दी के दिनों में वहां पारा गिरकर माइनस 70 डिग्री तक पहुंच जाता है। पिछले 10 साल में यहां करीब 163 जवान शहीद हो चुके हैं। इनमें से ज्यादातर की शहादत एवलांच और खराब मौसम के कारण हुई। 1984 में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस ग्लेशियर पर भारत और पाकिस्तान की ओर से सुरक्षाकर्मियों की तैनाती शुरू की गई है।