विदेश मंत्री जयशंकर बोले- पिछले पांच साल में दुनियाभर में भारत का कद बढ़ा

उन्होंने आर्थिक परिवर्तन पर कहा कि अगर हम इसे बढ़ावा देना चाहते हैं तो उनके मुताबिक भारतीय विदेश नीति के लिए इसके बाहरी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। साथ ही साझेदारी और तंत्र बनाना भी एक बड़ी जिम्मेदारी है, जो देश के बाहर भारतीय व्यापार को अपना व्यापार करने में मदद करता है। उन्होने कहा कि यदि हम आर्थिक विकास को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो भारतीय विदेश नीति को इसके बाह्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक परिवर्तन वास्तव में वैश्विक पुन: संतुलन की तरह है, जिसका इसका सबसे तेज प्रभाव पर पड़ा, इसीलिए चीन आज विकास की राह पर है, कुछ हद तक भारत पर भी इसका असर पड़ा है। लेकिन कुल मिलाकर यदि आप इसे 20 वर्ष की समय सीमा में देखते हैं, तो यह वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में बहुत स्पष्ट बदलाव का संकेत है।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे एक हफ्ते से भी कम समय हुआ मंत्री बने लेकिन मैं वित्त और वाणिज्य मंत्री के साथ अधिक समय बिताया है।
पूर्व विदेश सचिव ने मंत्रालय का प्रभार संभालने के कुछ दिन बाद इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने एक संगोष्ठी में कहा, 'विश्व में नया संतुलन' स्थापित हो रहा है और चीन का उभार तथा कुछ हद का भारत का उभार भी इसका 'ज्वलंत उदाहरण' है। हम क्षेत्रीय संपर्क परियोजनाओं के माध्यम से क्षेत्र में नजदीकी ला सकते हैं।
बता दें उन्होंने 2015-18 के बीच विदेश सचिव के तौर पर सेवा दी। जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्रालय पर रणनीतिक महत्व वाले कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने की बड़ी जिम्मेदारी है।