अमित शाह बोले- अलगाववादी नेता घाटी के स्कूल बंद कराकर अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ाते हैं

राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने वाले विधेयक को सपा, बीजेडी, टीएमसी सहित कई दलों का समर्थन मिला और प्रस्ताव पारित हो गया। वहीं सोमवार को राज्यसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षाण विधेयक भी पेश किया गया। यह विधेयक अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ ही नियंत्रण रेखा में मौजूद लोगों को आरक्षण का लाभ देगा। शाह ने कहा कि जो लोग भारत विरोधी काम करेंगे उन्हें उनकी ही भाषा में उचित जवाब दिया जाएगा।
जम्हूरियत, इंसानियत, कश्मीरियत की नीति के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का अर्थ यह नहीं निकाला जाना चाहिए कि जो ताकतें भारत को विभाजित करना चाहती हैं उन्हें बख्शा जाएगा। उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और जम्मू कश्मीर को लेकर लिए फैसलों पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वह भारत के पहले प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते लेकिन आजादी के बाद की गईं भूलों को अनदेखा नहीं किया जा सकता।