भाजपा और आप में अब शिक्षा मॉडल पर छिड़ी जंग, स्कूलों का मुआयना कर दी बहस की चुनौती
दिल्ली के सरकारी स्कूल में मनीष सिसोदिया - फोटो : bharat rajneeti
दिल्ली सरकार अपने ‘शिक्षा मॉडल’ को बाकी सबसे बेहतर बताती रही है। वह इसी के सहारे दोबारा जनता का समर्थन पाने की रणनीति पर भी काम कर रही है। यही कारण है कि उसका शिक्षा मॉडल अब विपक्ष के निशाने पर है। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के द्वारा दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल को फेल बताए जाने पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने उन्हें चुनौती दी है कि वे किसी भी भाजपा शासित राज्य के स्कूलों से दिल्ली के स्कूलों की तुलना कर लें। उन्हें समझ आ जाएगा कि बेहतर शिक्षा किसे कहते हैं। यह राजनीतिक हमला ऐसे समय में किया जा रहा है जब दोनों दल विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव नए वर्ष की शुरुआत में हो सकते हैं।
मनीष सिसोदिया ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि जेपी नड्डा को अरविंद केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल पर हंसी आ रही है। लेकिन अगर वे भाजपा शासित राज्यों के शिक्षा मॉडल को देखेंगे तो उन्हें रोना आ जाएगा क्योंकि उन राज्यों में शिक्षा की स्थिति बेहद खराब है। अपने शिक्षा मॉडल को सबसे बेहतर बताते हुए सिसोदिया ने कहा कि वे भाजपा नेताओं जेपी नड्डा और विजय गोयल को चुनौती देते हैं कि वे किसी भी भाजपा शासित राज्य के सबसे बेहतरीन 10 स्कूल को चुन लें। दिल्ली सरकार अपने सबसे बेहतर दस स्कूलों को चुन लेती है। इसके बाद दोनों दलों के नेता एक दूसरे के स्कूलों का मुआयना करते हैं। उसके बाद बहस करते हैं कि किस राज्य की शिक्षा की स्थिति बेहतर है और किसके राज्य की शिक्षा की स्थिति रोने के काबिल है।
लगातार हमलावर है भाजपा
भारतीय जनता पार्टी 21 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर है। नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सहारे इस बार वह दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने का ख़्वाब देख रही है। यही कारण है कि उसके नेता अरविन्द केजरीवाल सरकार पर लगातार हमलावर हैं जो अपने शिक्षा और स्वास्थ्य पर किए गए कामों के जरिए सत्ता में वापसी की बात सोच रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को गलत तरीके से आप को वोट देने के लिए प्रेरित कर रही है। उनके मुताबिक इसके लिए बच्चों से उनके अभिभावकों के वोटर कार्ड भी मांगे गए थे जो बेहद गलत काम है।