पिटाई के बाद सहमीं महिला वन अधिकारी, बताया जान का खतरा

बाद में राव ने जिला परिषद उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया और उन्हें 13 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया। अनीता को बेहतर इलाज के लिए कघाजनगर के अस्पताल से हैदराबाद के कॉरपोरेट अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। घटना के दो दिन बीतने के बाद भी वह अभी सदमे में हैं।
अस्पताल में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे उन लोगों से डर लगता है। जेल से बाहर आने के बाद वह मेरी हत्या कर सकते हैं। मैं बहुत डरी हुई हूं।' उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब स्थानीय टीआरएस नेताओं ने वन अधिकारियों के साथ बदसलूकी की हो।
उन्होंने कहा, 'मुझे मेरे पूर्ववर्ती साथियों ने बताया था कि उन्हें स्थानीय नेताओं से इसी तरह के हमले और धमकियों का सामना करना पड़ा है। उन्हें आदिवासियों को वन अधिकारियों पर हमला करने के लिए उकसाने के लिए जाना जाता है।' उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय नेताओं के सिर पर विधायक का हाथ है इसलिए कोनप्पा को पार्टी से निकाल देना चाहिए और उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए।
अनीता ने कहा, 'मैं एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हूं और कड़ी मेहनत के बाद वन अधिकारी बनी हूं। मैंने कभी सोचा तक नहीं था कि वह वर्दी पहने एक महिला अधिकारी पर हमला करेंगे।' उन्होंने बताया कि विधायक के भाई ने वन अधिकारियों को गालियां देनी शुरू की थी। इसके बाद पुलिस को धक्का देकर हटाया और हमला किया।