चंद्रयान-2 की सफलता के पीछे इन महिलाओं और पुरुषों का है हाथ
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने प्रक्षेपण से पहले जारी एक संदेश में इन दोनों महिलाओं की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा ही यह सुनिश्चित किया कि महिला वैज्ञानिक पुरुष वैज्ञानिकों के बराबर रहें। हमने पाया कि ये महिला वैज्ञानिक यह कार्य करने में सक्षम हैं और इसीलिए हमने उन्हें यह जिम्मेदारी दी।
चंद्रयान 2 के डी-डे से दो सप्ताह पहले श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र में एक गार्ड ऑफ चेंज था। एस पांडियन ने 30 जून को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक के रूप में पदभार संभाला। इसरो मिशन को भेजने के लिए वीएसएससी के तिरुवनंतपुरम में लॉन्च वाहन केंद्र से एस राजाराजन को लाया गया।
एक अधिकारी ने कहा कि सिस्टम ऐसे बदलाव का ध्यान रखता है। लॉन्चर टीम का नेतृत्व वीएसएससी के जयप्रकाश कर रहे हैं। इसके प्रमुख केंद्रों के निदेशक वीएसएससी के निदेशक एस सोमनाथ जो मिशन के लिए जीएसएलवी एमकेआई 8 लॉन्चर प्रदान किया हैं। पी कुन्हीकृष्णन, जिनके यूआरएससी के पास अंतरिक्ष यान और लैंडर कार्यों की कुंजी है और वीवी श्रीनिवासन जिनके बंगलूरू में ट्रैकिंग केंद्र आईएसटीआरएसी अंतरिक्ष यान के महत्वपूर्ण प्रक्षेपण के बाद युद्धाभ्यास को संभालेंगे। यह भी चंद्र मिशन की कामयाबी के लिए मुख्य भूमिका में रहे हैं।