कर्नाटक का संकट: विश्वास मत की घोषणा के बाद तीनों दलों ने की अपने विधायकों की घेराबंदी - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

शनिवार, 13 जुलाई 2019

कर्नाटक का संकट: विश्वास मत की घोषणा के बाद तीनों दलों ने की अपने विधायकों की घेराबंदी

कर्नाटक का संकट: विश्वास मत की घोषणा के बाद तीनों दलों ने की अपने विधायकों की घेराबंदी

hd kumaraswamy
hd kumaraswamy : bharat rajneeti
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी द्वारा विश्वास मत प्रस्ताव लाने की घोषणा के बाद कांग्रेस-जद-एस गठबंधन सहित भाजपा ने भी अपने विधायकों की घेराबंदी शुरू कर दी है। भाजपा ने शुक्रवार को अपने विधायकों को शहर के ही एक रिजॉर्ट में पहुंचा दिया। 
कांग्रेस भी सभी विधायकों को बंगलूरू के होटल ताज में ले गई है। जेडी-एस ने विधायकों को शहर के बाहर रिसॉर्ट में ठहराया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा, हमारे विधायकों को लगता है कि उन्हें साथ होना चाहिए और सोमवार को साथ विधानसभा आना चाहिए। वहीं, जेडी-एस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि हमने रिसॉर्ट में 34 कमरे बुक किए हैं। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के अलावा पार्टी के 30 विधायक यहां तीन दिन से रुके हैं।

स्पीकर के सामने पेश नहीं हुए तीन बागी विधायक

कांग्रेस और जदएस के तीन बागी विधायक शुक्त्रस्वार को स्पीकर केआर रमेश कुमार के समक्ष पेश नहीं हुए। इसके बाद तीनों को समन जारी किया गया है। इनका इस्तीफा सही मिलने पर स्पीकर ने निजी सुनवाई के लिए बुलाया था। इनमें जदएस के नारायण गौड़ा और कांग्रेस के आनंद सिंह व प्रताप गौड़ा पाटिल थे। गौड़ा और पाटिल मुंबई में हैं, वहीं आनंद सिंह गोवा रवाना हो चुके हैं। इनके अलावा स्पीकर ने 15 जुलाई को जदएस के गोपालैया और कांग्रेस के रामालिंगा रेड्डी को निजी सुनवाई के लिए बुलाया है।

सिद्धरमैया को विश्वासमत जीतने का भरोसा

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सदन में विश्वास मत हासिल करने का भरोसा जताते हुए कहा, बहुमत परीक्षण कराने का फैसला गठबंधन के दोनों साझेदारों ने मिलकर लिया है। बिना नंबरों के कोई विश्वास मत नहीं जीत सकता। हमारे पास नंबर हैं।

पैसे के बल पर सरकारें गिरा रही भाजपा : राहुल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि भाजपा पैसे के दम पर जहां भी संभव हो सरकार गिराती है। पहले गोवा, फिर पूर्वोत्तर और अब कर्नाटक में यही हो रहा है। यह उनके काम करने का तरीका है। भाजपा के पास पैसा और ताकत है। वह उसका इस्तेमाल कर रही है।
 

कर्नाटक का नाटक : स्पीकर कर रहे दो घोड़ों की सवारी

कर्नाटक में चल रहे सियासी संकट मामले में शुक्रवार को शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई तक यथास्थिति रखने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी, स्पीकर केआर रमेश कुमार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी की ओर से राजीव धवन ने दलीलें पेश कीं।

रोहतगी : स्पीकर दो घोड़ों पर सवार हैं। स्पीकर यह कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें निर्देश नहीं दे सकता। वह यह भी कह रहे हैं कि उन्हें इस्तीफे की जांच करनी है। इस्तीफे के मसले का विधानसभा के भीतर स्पीकर के अधिकार से कोई लेना-देना नहीं। अब तक उन्होंने इस्तीफे पर निर्णय नहीं लिया। इसे लंबित रखकर इन बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की कोशिश है।

सिंघवी : विधायकों ने इसलिए इस्तीफा दिया है ताकि अयोग्य होने की कार्यवाही से बच सकें। स्पीकर का पद सांविधानिक है और बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए पेश याचिका पर फैसला करने के लिए वह सांविधानिक तौर पर बाध्य हैं। वह सांविधानिक प्रावधानों को जानते हैं, उन्हें इस तरह से बदनाम नहीं किया जा सकता।

धवन: बागी विधायकों ने तत्काल सुनवाई की मांग इसलिए की क्योंकि कर्नाटक सरकार अल्पमत में है। किस आधार पर विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट को दखल देने के लिए कहा? स्पीकर को इस्तीफा स्वीकार करने से पहले यह जांच करनी होती है कि यह स्वेच्छा से दिया गया है या नहीं।

सिंघवी : स्पीकर विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य हैं और वह नियम-कानून जानते हैं। स्पीकर को पहले विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेना है। यह उनका कर्तव्य है और इसका उन्हें अधिकार है।

धवन : विधायकों ने स्पीकर पर दुर्भावना का आरोप लगाया। भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। कोर्ट ने मुख्यमंत्री का पक्ष सुने बिना बृहस्पतिवार को आदेश दे दिया। विधायकों की याचिका सुनवाई लायक नहीं है। स्पीकर की जिम्मेदारी है कि पहले वह खुद को संतुष्ट करें कि इस्तीफे स्वेच्छा से दिए गए हैं।

रोहतगी : स्पीकर ने बागी विधायकों के सुप्रीम कोर्ट में जाने पर सवाल उठाया और मीडिया की मौजूदगी में कहा, ‘गो टू हेल’। स्पीकर को इस्तीफों पर फैसले के लिए एक-दो दिन का समय दिया जा सकता है। अगर वह फैसला नहीं लेते तो उनके खिलाफ अवमानना का नोटिस देना चाहिए।

कर्नाटक से लौटे कांग्रेस नेता

कर्नाटक के राजनीतिक संकट की गेंद सुप्रीम कोर्ट और विधानसभा अध्यक्ष के पाले में जाने के बाद डैमेज कंट्रोल के लिए दिल्ली से भेजे गए कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद और बीके हरिप्रसाद दिल्ली लौट आए हैं। 

कांग्रेस नेता इस विषय में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का इंतजार है। हालांकि पार्टी नेताओं को अब भी उम्मीद है कि राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है।

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345