कर्नाटक संकट पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, स्पीकर लें बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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बुधवार, 17 जुलाई 2019

कर्नाटक संकट पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, स्पीकर लें बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला

कर्नाटक संकट पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, स्पीकर लें बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी - फोटो : bharat rajneeti

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर लें फैसला।
  • सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं करने का निर्देश दिया।
  • इस्तीफे पर फैसला लेने के कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार अदालत के निर्देश या फैसले से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक संतुलन को बनाए रखने की आवश्यकता है।
  • सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद विश्वासमत पर सस्पेंस गहराया।
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 15 बागी विधायकों की याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है। फैसले में कोर्ट ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष विधायकों के इस्तीफों पर फैसला लें। लेकिन अध्यक्ष पर किसी समससीमा में फैसला लेने के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधायकों को भी विधानसभा में मौजूद होने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। 
बता दें इस फैसले से 14 महीने पहले बनी कुमारस्वामी सरकार को तगड़ा झटका लगा है। विधायकों द्वारा दायर इस याचिका में कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने की मांग की गई थी।

क्या कहता है गणित?

225 सदस्यों वाली विधानसभा में इन विधायकों के इस्तीफे से पहले सरकार के पास 118 विधायक थे। इनमें 79 कांग्रेस के, 37 जेडीएस के और दो निर्दलीय थे। ये संख्या बहुमत के 113 के आंकड़े से पांच अधिक थी। 

अब 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। अब कांग्रेस-जेडीएस और निर्दलीय विधायकों की संख्या 102 रह गई है। भाजपा के 105 विधायक हैं। माना जा रहा है कि भाजपा के पास दो निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन भी है। जिससे उसकी संख्या 107 हो जाएगी। हालांकि विधायकों के इस्तीफे अभी स्वीकार नहीं किए गए हैं। लेकिन अब विधानसभा में विश्वास मत होगा। जिसमें बागी विधायकों का कर्नाटक सरकार को समर्थन ना देने पर सरकार गिर जाएगी।

मुकुल रोहतगी
मुकुल रोहतगी - फोटो : bharat rajneeti

किसने क्या कहा?

बागी विधायकों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी का कहना है, कल होने वाले विश्वास मत को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दो जरूरी बातें कही हैं- 15 विधायकों को कल विधानसभा में पेश होने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। सभी 15 विधायकों को कल सदन जाने या ना जाने की छूट दी गई है।

रोहतगी ने आगे कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनके खिलाफ (बागी विधायक) तीन लाइन का जारी हुआ व्हिप ऑपरेटिव नहीं है। दूसरी बात, अध्यक्ष को इस्तीफे के बारे में फैसला करने का समय दिया गया है कि वह कब और क्या फैसला करना चाहते हैं।

भाजपा नेता जगदीश शेट्टर का कहना है, एचडी कुमारस्वामी के कारण राज्य में अराजकता है। उन्हें इस फैसले के बाद तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए और विश्वास मत के लिए इंतजार करना चाहिए।

वहीं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा का इस फैसले पर कहना है, निश्चित रूप से सरकार नहीं चलेगी क्योंकि उनके पांस नंबर नहीं हैं। वहीं विधानसभा स्पीकर का इस मामले पर कहना है कि, मैं फैसला सुनाऊंगा जो संविधान, कोर्ट और लोकपाल के विपरीत नहीं होगा।

कल सुरक्षित रखा था फैसला

इस मामले में मंगलवार को कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि कुमारस्वामी और विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों की याचिका पर विचार करने के सुप्रीम कोर्ट के अधिकार पर सवाल उठाए हैं। वहीं बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष आर रमेश कुमार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह बहुमत खो चुकी सरकार को सहारा देने की कोशिश कर रहे हैं। 

बागी विधायकों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से अनुरोध किया कि इस्तीफे और अयोग्यता के मुद्दे पर यथास्थिति बनाए रखने का स्पीकर को निर्देश देने संबंधी अंतरिम आदेश जारी रखा जाएगा। रोहतगी ने कहा कि अगर विधानसभा की कार्यवाही होती है तो इन विधायकों को व्हिप के आधार पर सदन में उपस्थित रहने से छूट दी जानी चाहिए क्योंकि मौजूदा सरकार अल्पमत में हैं। 

मुख्यमंत्री की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि बागी विधायक सरकार को गिराना चाहते हैं। ये विधायक चाहते हैं स्पीकर के अधिकारों के मामले में अदालत दखल दे। 

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