कर्नाटक : फ्लोर टेस्ट के लिए दो निर्दलीय विधायकों ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
सुप्रीम कोर्ट - फोटो : bharat rajneeti
कर्नाटक के राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस-जदएस सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने सदन में विश्वास मत के आयोजन के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यह जानकारी दोनों विधायकों के वकील ने दी। निर्दलीय विधायक आर शंकर और एच नागेश का कहना है कि उनके द्वारा समर्थन वापस लेने और 16 विधायकों द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद राज्य एक राजनीतिक संकट की चपेट में आ गया है।
दूसरी ओर कर्नाटक में बंगलूरू के रमाडा होटल में भारतीय जनता पार्टी की विधायक दल की बैठक हुई। बैठक के बाद कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि सोमवार सुबह एक बार फिर विधायक दल की बैठक की जाएगी। वहीं कर्नाटक में सोमवार को फ्लोर टेस्ट से पहले रविवार को कांग्रेस के विधायकों की बैठक हो रही है। इस बैठक में कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के समन्वयक सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम जी परमेश्वर मौजूद रहेंगे।
मायावती ने दिया कुमारस्वामी को समर्थन
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादलों के बीच मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सहारा दिया है। मायावती ने कर्नाटक में अपनी पार्टी के विधायक को निर्देशित किया है कि वह कुमारस्वामी के समर्थन में वोट दे।
कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों से हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा चल रहा है। कुछ दिनों के अंदर करीब 15 विधायकों ने राज्य की गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए स्पीकर को त्यागपत्र सौंप दिया। हालांकि स्पीकर ने सभी के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं। जिसके बाद यह सियासी उठापटक उच्चतम न्यायालय के दरवाजे पर भी पहुंची।
बागी विधायकों को मनाने की आखिरी कोशिश
बताया जा रहा है कि गठबंधन नेता मुंबई में डेरा डाले बैठे बागी विधायकों को मनाने की आखिरी कवायद में जुटे हैं। शनिवार को येदियुरप्पा ने पत्रकारों से बातचीत में राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के शुक्रवार को ही विश्वास मत प्रक्रिया संपन्न कराने के निर्देश के बावजूद सदन में सरकार ने वक्त जाया किया।
येदियुरप्पा ने कहा कि विधायकों को घंटों बोलने दिया गया। उनके पास (सरकार) बहुमत नहीं है और वे सिर्फ समय खराब कर रहे हैं। अब राज्यपाल क्या कार्रवाई करते हैं, यह उन पर ही निर्भर करता है। उन्होंने दावा किया कि गठबंधन के पास 98 विधायक ही हैं जबकि भाजपा विधायकों की संख्या 106 है।