Rajneeti News: मथुरा के तालाब अब कहलाएंगे 'जल मंदिर', हेमा मालिनी के सुझाव पर भेजा गया प्रस्ताव
भाजपा सांसद हेमा मालिनी - फोटो : bharat rajneeti
जल संकट से जूझ रहे मथुरा के जलाशय अब जल मंदिर कहलाएंगे। जल संकट व खारे पानी से उभारने को किए जा रहे प्रयासों को लेकर सांसद हेमा मालिनी के सुझाव पर जलाशयों को यह नाम दिया जा रहा है। अब पंचायती राज विभाग ने इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल संचयन नीति के तहत पंचायती राज विभाग 516 ग्राम पंचायतों में 11 सौ जलाशयों की खोदाई कराना प्रस्तावित है। इसमें 200 जलाशय की खोदाई पूरी हो चुकी है और 700 पर काम चल रहा है। 200 से अधिक जलाशय पांच हेक्टेयर से अधिक आकार के हैं।
गांवों में आबादी के हिसाब से खोदाई कराकर जलाशयों को बड़ा किया जा रहा है। प्रशासन की मंशा है कि मथुरा जल संकट से उबरे और खारी पानी को मीठे पानी में बदला जाए। इसे लेकर हर गांव में दो जलाशय की खोदाई कराई जा रही है। इसमें एक मनरेगा योजना से तो दूसरा जेसीबी मशीन से खोदे जा रहे हैं।
पंचायती राज ने भेजा प्रस्ताव
छह जुलाई को हुई बैठक में सांसद हेमा मालिनी ने ब्रज के तालाबों को जल मंदिर का नाम देने का सुझाव दिया। अब पंचायती राज विभाग जलाशयों को जल मंदिर का नाम देने जा रहा है। इसे लेकर पंचायतकर्मी खासे उत्साहित हैं।
डीपीआरओ डॉ. पीतम सिंह ने बताया कि मथुरा के सभी जलाशयों को जलमंदिर का रूप देने के लिए सभी पंचायतकर्मी तन मन से जुटे हैं। सुंदर तालाब बनाने के साथ उनके आसपास हरियाली बनाए रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। जलाशयों का नाम जलमंदिर रखने को लेकर डीएम के पास प्रस्ताव भेजा गया है।
सभी ब्लाकों में एक एक आदर्श तालाब बनवाया जा रहा है। पांच हेक्टेयर के आकार के एक एक तालाब को सभी ब्लाक प्रमुखों को गोद दिया गया है। बड़े तालाबों की डिजाइन जलशक्ति मंत्रालय के इंजीनियरों ने तैयार की है। एक तालाब किनारे कम से कम 200 पौधे लगाए जाएंगे और उनको जीवित रखने की जिम्मेदारी ब्लाक प्रमुखों ने ली है।