नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन बोले- बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा ‘जय श्री राम’ का नारा

उन्होंने कहा कि ‘मैंने अपने चार वर्षीय पोते से पूछा कि तुम्हारा पसंदीदा देवता कौन है? तो उसने जवाब दिया कि मां दुर्गा है। मां दुर्गा हमारे जीवन में कितनी सर्वव्यापी हैं।’ अर्थशास्त्री ने कहा कि मुझे लगता है कि ‘जय श्री राम’ के नारे लोगों को पीटने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।’
सेन की यह टिप्पणी देश के एक वर्ग द्वारा एक खास वर्ग को ‘जय श्री राम’ का जाप करने के लिए बोलने और ऐसा ना करने पर उनकी पिटाई करने की पृष्ठभूमि में आई है।
गरीबी पर सेन ने कहा कि ’केवल गरीब लोगों का आय स्तर बढ़ने से उनकी दुर्दशा कम नहीं होगी, बुनियादी स्वास्थ्य सेवा, उचित शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा से गरीबी को कम किया जा सकता है।’