Rajneeti News: पत्नी का खाना बनाकर न देना, पति से सहानुभूति न रखना तलाक का आधार नहीं: हाईकोर्ट

न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने अपने फैसले में कहा कि पत्नी से तलाक के लिए पति ने जो आधार पेश किए हैं उनमें कोई भी ऐसा आधार नहीं है जो कानूनी रूप से क्रूरता की श्रेणी में आता हो। वहीं मारपीट और अन्य गंभीर आरोपों के पुख्ता सबूत नहीं हैं। निचली अदालत ने इस तथ्य को अनदेखा किया कि बेशक 2008 से पति-पत्नी अलग रह रहे हैं लेकिन दोनों एक ही बिल्डिंग में रहते हैं जोकि दोनों की संयुक्त संपत्ति है।
इसी वजह से दोनों के बीच विवाद खत्म होने की अभी भी संभावना है। इस कारण पारिवारिक अदालत के फैसले को सही नहीं कहा जा सकता। अत: पारिवारिक अदालत के तलाक के फैसले को रद्द किया जाता है। इस जोड़े की शादी छह जुलाई 1989 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुई थी। दोनों 2008 से अलग रह रहे थे। पति की याचिका पर 23 सितंबर, 2017 को पारिवारिक अदालत ने सभी आधार को क्रूर मानते हुए तलाक दे दिया था।
पति की बेइज्जती करना, धमकी देना तलाक का आधार
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने कहा कि वायुसेना के अधिकारी से पत्नी रातभर झगड़ा करती है, जिसके कारण वह ठीक से सो नहीं पाता है। वह सुबह पांच बजे ड्यूटी पर जाता है। इससे न केवल उसका बल्कि अन्य लोगों का जीवन भी खतरे में पड़ सकता है।