प्राइवेट मेंबर बिल: पीड़ितों की मदद करने वालों को पुलिस नहीं करेगी परेशान - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शनिवार, 27 जुलाई 2019

प्राइवेट मेंबर बिल: पीड़ितों की मदद करने वालों को पुलिस नहीं करेगी परेशान

प्राइवेट मेंबर बिल: पीड़ितों की मदद करने वालों को पुलिस नहीं करेगी परेशान

Ernakulam MP Hibi Eden
Ernakulam MP Hibi Eden - फोटो : bharat rajneeti
एर्नाकुलम के सांसद हिबी ईडन ने शुक्रवार को प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया। यह बिल एक कानून के तहत उन लोगों को छूट देने के लिए कहता है जो दुर्घटना या पीड़ित नागरिकों की मदद के लिए आगे आते हैं। बिल कहता है कि लोग पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएं। बता दें कि सड़क दुर्घटना या अन्य राह चलते किसी पीड़ित की मदद करने के बाद ज्यादातर मामलों में पुलिस उन्हें गवाही या अन्य किसी बात के लिए परेशान करती है। इसलिए ऐसे मामलों में ज्यादातर लोग मदद करने से डरते हैं। 
गुड समैरिटन बिल 2019 यह भी कहता है कि हर अस्पताल और मेडिकल प्रैक्टिशनर को दुर्घटना के शिकार हुए व्यक्ति को तुरंत आपातकालीन चिकित्सा प्रदान करनी चाहिए। उन्हें यह नहीं कहना चाहिए कि यह मेडिको-लीगल केस है, पुलिस को इसकी जानकारी होना आवश्यक है। जो कि ऐसे मामलों में ज्यादातर देखा जाता है। साथ ही अस्पताल और चिकित्सकों को आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए किसी शर्त के रूप में अग्रिम भुगतान की मांग भी नहीं करनी चाहिए।   

ईडन ने कहा कि दुर्घटना के शिकार लोगों की खासकर युवा मदद नहीं करते हैं। क्योंकि वह डरते हैं कि उन्हें अस्पताल में पैसे देने होंगे या पुलिस पुछताछ करेगी इसलिए वह मदद करने में संकोच करते हैं। हालांकि सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कोई भी कानूनी मामला नहीं बनाती है। उन्होंने कहा कि ऐसा कानून लागू होना चाहिए जिसमें लोग मदद के लिए आगे आएं। 

विधेयक का प्रस्ताव है कि ऐसे लोगों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए, साथ ही लिंग, धर्म, राष्ट्रीयता और जाति के आधार पर किसी भी भेदभाव के बिना, एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा या मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। और न ही पुलिस द्वारा हिरासत में लिया जाना चाहिए। पुलिस को उसकी गवाही, सबूत, पता, फोन नंबर या उसकी पहचान को उजागर करने के लिए भी मजबूर नहीं करना चाहिए। 

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