सम्मेलन में केरल हाईकोर्ट के जज बोले, ब्राह्मण धरती पर दो बार जन्म लेता है

उन्होंने सवाल उठाया कि आरक्षण सिर्फ समूह या जाति के आधार पर मिलना चाहिए। उन्हाेंने 10 प्रतिशत आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि एक ब्राह्मण रसोइए का बेटा यदि नॉन क्रीमीलेयर में आता है तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
जबकि एक लकड़ी व्यापारी का बेटा जो कि ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखता है और नॉन क्रीमीलेयर के दायरे में आता है तो उसे आरक्षण का लाभ मिलेगा। उन्होंने ब्राह्मण समाज से अपील की कि वे आर्थिक आधार पर आरक्षण की आवाज उठाएं, जाति या धर्म आधारित आरक्षण की नहीं।
अच्छे कर्माें की वजह से ब्राह्मण दाे बार जन्म लेता है: जस्टिस चिताम्बरेश
जस्टिस चिताम्बरेश ने कहा कि ब्राह्मण धरती पर दो बार जन्म लेता है। ब्राह्मण के दो बार जन्म लेने की वजह उन्होंने अच्छे कर्मों का फल बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व जन्म में किए अच्छे कर्मों की वजह से उसका दो बार ब्राह्मण के रूप में जन्म होता है।