स्वतंत्रता सेनानी और साहित्य अकादमी विजेता का परिवार एनआरसी से बाहर, कोर्ट जाने की चेतावनी
NRC : bharat rajneeti
असम में पांच दिन पहले एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस) मसौदे की नई सूची जारी की गई, जिसमें से एक लाख से ज्यादा लोगों को बाहर कर दिया गया है। सूची में साहित्य अकादमी विजेता दुर्गा खातीवाड़ा के साथ असम आंदोलन में शहीद हुईं पहली महिला बैजंती देवी और स्वतंत्रता सेनानी छविलाल उपाध्याय के परिवार के सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में गोरखा समुदाय के लोगों का नाम भी नहीं है। इसको लेकर असम में विरोध शुरू हो गया है।
गोरखाओं के एक संगठन ने रविवार को कहा कि स्वतंत्रता सेनानी छविलाल की प्रपौत्री मंजू देवी का नाम भी असम सरकार की नई सूची में शामिल नहीं है। भारतीय गोरखा परिसंघ के राष्ट्रीय सचिव नंदा किराती देवान ने कहा कि देश के लिए जान कुर्बान करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों, गोरखाओं और असम की प्रमुख हस्तियों के परिवार के सदस्यों को एनआरसी प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया।
संगठन ने कहा कि अगर इसका समाधान नहीं निकला तो हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। यह न सिर्फ गोरखाओं बल्कि स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। गोजमुमो अध्यक्ष ने कहा कि असम के गोरखाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। स्वतंत्रता सेनानी छविलाल के परिजनों को डी (संदिग्ध) वोटर की सूची में शामिल किया गया। इसी तरह से शहीद महिला बैजंती के परिवार को भी एनआरसी ने अयोग्य ठहराया है। केंद्र सरकार के इस कार्य का हम लोग विरोध करते हैं।