ईडी ने सुपीम कोर्ट को बताया चिदंबरम की अर्जेंटीना, फ्रांस, ग्रीस सहित 13 देशों में है संपत्ति

खास बातें
हलफनामे में एजेंसी ने कहा, 'आरोपी के खिलाफ हमारे पास मजबूत केस है और इस आधार पर जमानत याचिका का विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही इनकी अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करने का हमारे पास एक और मजबूत आधार है। हमें ऐसे संकेत मिले हैं कि आरोपी और सह षड्यंत्रकर्ता न केवल सबूतों के साथ छेड़छाड़/खत्म कर रहे है बल्कि वह गवाहों को भी प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। जांच ऐसे मुकाम पर पहुंच चुकी है जहां सबूतों को सुरक्षित और संरक्षित रखने की जरूरत है। सबूतों की रक्षा के साथ ही गवाह की गरिमा और सुरक्षा की भी रक्षा होनी चाहिए। गवाह को प्रभावित किया जा रहा है और उनका अपमान हो रहा है। आरोपी बहुत ताकतवर और प्रभावशाली व्यक्ति हैं।'
ईडी के हलफनामे से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही कार्ति चिदंबरम पर भी शिकंजा कसा जा सकता है उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। कार्ति को फिलहाल मद्रास उच्च न्यायालय से राहत मिली हुई है। चिदंबरम के वकील का कहना है कि उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया। हालांकि ईडी का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को जब समन देकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था तो वह पूरी तरह से टाल-मटोल करने वाले और असहयोगी रहे हैं।
एंटी मनी लांड्रिंग एजेंसी का कहना है कि मौजूदा सबूत इस बात के गवाह हैं कि मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में चिदंबरम प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भागीदार रहे हैं। वह मनी लांड्रिंग के गंभीर दोषी हैं। एजेंसी ने कहा, जांच रिकॉर्ड में यह बात सामने आई है कि शेल कंपनियों में जमा कराए पैसों का इस्तेमाल बहुत से बेनामी खातों और बेनामी निवेश करने के लिए किया गया। जिसके जरिए भारत और विदेश में चल और अचल संपत्ति खरीदी गई।