शिवराज बोले, नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को खुश करने के लिए अनुच्छेद 370 कश्मीर में लागू किया था
शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो) - फोटो : bharat rajneeti
खास बातें
- कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए गोवा पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज
- पीएम मोदी और अमित शाह की तुलना भगवान कृष्ण और अर्जुन से की
- गोवा, कश्मीर के हालातों के लिए पूर्व पीएम नेहरू को जिम्मेदार ठहराया
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने के केंद्र के फैसले के लिए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की तुलना भगवान कृष्ण और अर्जुन से की। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को जम्मू-कश्मीर के हालातों के लिए जिम्मेदार ठहराया। कहा कि नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को खुश करने के लिए धारा 370 को शामिल किया था।
पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए गोवा पहुंचे चौहान ने कहा कि नेहरू युद्ध के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) बनाने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भारतीय सशस्त्र बल पाकिस्तानी सैनिकों को पीछे धकेल रहे थे, तभी नेहरू ने एकतरफा संघर्ष विराम का ऐलान कर दिया और पीओके उनके कब्जे में रह गया, नहीं तो वह भारत का अभिन्न हिस्सा बन चुका होता।
गोवा के लोगों की पीड़ा के लिए भी नेहरू जिम्मेदारचौहान ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की गलत नीतियों को पुर्तगाली उपनिवेश रह चुके गोवा के लोगों की पीड़ा के लिए भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि नेहरू की गलत नीतियां भारत की आजादी के बाद भी वर्षों तक गोवा के पुर्तगाली उपनिवेश बने रहने के लिए जिम्मेदार रहीं। गोवा आजादी के बाद समृद्ध हुआ और इसी तरह अब जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद-370 खत्म करने के बाद विकास करेगा।
अनुच्छेद-370 पर 'कंफ्यूज' है कांग्रेस, सोनिया तोड़ें अपनी चुप्पी
शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के अनुच्छेद-370 पर भ्रमित होने का दावा करते हुए उन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस मुद्दे पर बयान जारी करने की मांग की। चौहान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के केंद्र के ऐतिहासिक फैसले पर कांग्रेस नेता अलग-अलग सुर में बोल रहे हैं, जबकि सोनिया गांधी इस मामले पर चुप हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस बात को लेकर भ्रमित है कि आखिर केंद्र के फैसले पर किस तरह की प्रतिक्रिया दी जाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि कांग्रेस के कई नेता इस मुद्दे पर अलग-अलग सुर में बोल रहे हैं, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अबतक इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है। ऐसे में मैं सोनिया गांधी जी से मांग करता हूं कि वह बयान जारी कर इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें।
मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर पर केंद्र के फैसले का ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कांग्रेस के कुछ नेताओं ने समर्थन किया जबकि पार्टी ने संसद में राज्य पुनर्गठन विधेयक का विरोध किया था। हालांकि, पार्टी ने बाद में कहा कि जिस तरह से विधेयक को सत्तारूढ़ दल की ओर से संसद में पेश किया गया वह उसके खिलाफ है।
'राहुल को राणछोड़ दास गांधी कहा'
चौहान ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘राणछोड़ दास गांधी’ करार दिया, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद पार्टी को ‘परित्यक्त’ कर दिया है, जब वह सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है।
उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी से इस मुद्दे पर किसी बयान की उम्मीद नहीं करते हैं। कांग्रेस की बागडोर एक बार फिर सोनिया गांधी को देने पर उन्होंने कहा कि पार्टी यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि संगठन पर एक ही परिवार का एकाधिकार कमजोर न हो।