महाराष्ट्र में बारिश का कहर: चार लोगों की मौत, ठाणे में वायुसेना ने 58 नागरिकों को बचाया
Heavy rain in Mumbai - फोटो : bharat rajneeti
खास बातें
- खतरे के निशान से ऊपर बह रही है मीठी नदी
- नासिक में बाढ़ जैसे हालात, पुणे में भी अलर्ट जारी
- मुंबई के लिए एनडीआरएफ की छह टीमें और मांगी
- प्रशासन ने बारिश प्रभावित क्षेत्र से 400 लोगों को हटाया
देश की आर्थिक राजधानी और इसके आसपास के इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश जानलेवा साबित हो रही है। रविवार को मुंबई, पुणे और पालघर में वर्षाजनित हादसों में चार लोगों की मौत हो गई जबकि धारावी में एक युवक लापता हो गया।
ठाणे जिले के जू-नांदखुरी गांव में वायुसेना ने जलमग्न घरों से 58 लोगों को बचाया। एमआई-17 हेलीकॉप्टर के जरिए 16 बच्चों समेत 58 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इसके अलावा, बचाव अभियान के लिए नौसेना की तीन टीमें भी प्रशासन के संपर्क में हैं।
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने लोगों को तत्काल सुरक्षित निकालने के लिए वायुसेना का आभार जताया है। साथ ही मुंबई, ठाणे और पालघर में मौजूदा हालात के मद्देनजर एनडीआरएफ से छह अतिरिक्त बचाव दल की मांग की है।
400 लोगों को हटायाजबरदस्त बारिश के चलते मुंबई में मीठी नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। इसके बाद रिहायशी इलाकों से 400 लोगों को दूसरे स्थानों पर भेज दिया है। पिछले 24 घंटों में शहर में सौ मिमी. पानी बरसा है। जलभराव के चलते रविवार को कई मार्गों पर लोकल ट्रेनें नहीं चलीं। पुणे-मुंबई रेल मार्ग भी बंद रहा। सड़क और हवाई यातायात भी बाधित रहा।
नासिक में बाढ़ के हालात, पुणे में अलर्ट
गंगापुर बांध के पानी को गोदावरी नदी में छोड़ने के कारण नासिक के कुछ इलाकों में बाढ़ के हालात हैं। बांध से रविवार सुबह 20,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे गोदावरी खतरे के निशान से ऊपर आ गई।
उधर, पुणे में तेज बारिश के बाद जिला कलक्टर ने लोगों को सचेत रहने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा है कि हालात और खराब हो सकते हैं। सोमवार को स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। मुठा नदी में पानी छोड़े जाने के बाद पुणे जिले के निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। जलभराव वाले इलाकों से करीब 2500 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
आंध्र प्रदेश : बाढ़ की दूसरी चेतावनी, 74 हजार लोग प्रभावित
गोदावरी नदी में पानी का स्तर रविवार सुबह 13 लाख क्यूसेक से ऊपर चले जाने के बाद दूसरी चेतावनी जारी की गई। पूर्वी एवं पश्चिमी गोदावरी जिलों के कई गांव जलमग्न हैं। नदी में बाढ़ के चलते कुल 74,068 लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें से 17,632 लोगों को सहायता कैंपों में पहुंचाया गया है।