अडानी समूह के दो मामलों को सूचीबद्ध करने में बरती गई अनियमितता, सीजेआई को वरिष्ठ वकील की चिट्ठी
supreme court - फोटो : bharat rajneeti
खास बातें
- वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने सीजेआई रंजन गोगोई को पत्र लिखकर लगाया आरोप
- अडानी समूह के दो मामलों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया में बरती गई अनियमितता
- सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि अडानी समूह से जुड़े दो मामलों को जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली ग्रीष्मावकाश पीठ के सामने सूचीबद्ध करने में अनियमितता बरती गई। दवे ने 11 पेज का यह पत्र शुक्रवार को लिखा। उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट की ग्रीष्मावकाश पीठ के सामने मामलों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया का उल्लंघन बताया।
दवे ने लिखा कि 12 जनवरी 2018 को चार वरिष्ठ जजों की सुप्रीम कोर्ट के संचालन को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद भी हालात खराब हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में प्रशासनिक सुधार तो दूर, हालात और खराब हो गए हैं। देश और संस्थान के लिए दूरगामी साबित होने वाले मामलों और राजनीतिक मुद्दों से जुड़े मामलों को बिना किसी औचित्य योजनाबद्ध तरीके से ‘वरीयता’ वाली पीठों को सौंपा गया।
अडानी समूह के दो मामलों का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि इन मामलों को ग्रीष्मावकाश के दौरान जस्टिस मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने सूचीबद्ध किया गया जो कि सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया का उल्लंघन था। इन मामलों पर तत्काल सुनवाई की जरूरत भी नहीं थी।
इन दोनों मामलों की विस्तृत सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया। उन्होंने सीजेआई से अपील की कि वह इस मामले को देखें और इस संस्था की रक्षा के लिए उचित सुधारात्मक कदम उठाएं।