अलीगढ़ के लोग भी हैं सुषमा स्वराज के अहसानमंद, याद में आंखें नम

दुर्गेश का पासपोर्ट और जरूरी कागजात सऊदी के अमीर ने जप्त कर लिए थे। रूपेश पाठक कहते हैं कि उन्होंने सुषमा स्वराज को दुर्गेश सिंघल के फंसे होने के मामले में ट्वीट करके जानकारी दी थी, जिसके बाद उन्होंने त्वरित प्रतिक्रिया दी और आश्वस्त किया की दुर्गेश को सकुशल वहां से वापस निकाला जाएगा और बाद के घटनाक्रमों ने सुषमा स्वराज के आश्वासन को पूरी तरह सही साबित किया।
रूपेश कहते हैं कि इस घटना के बाद उन्हें विदेश में फंसे हुए भारतीयों को निकालने के लिए एक पोर्टल के गठन करने की प्रेरणा अगर मिली तो सुषमा स्वराज के इस कदम से इसी प्रोत्साहन से मिली। रूपेश पाठक स्वयं दुबई में नौकरी करते हैं और उनके पिता बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शुभेंद्र पाठक हेल्प डेस्क इंडियन के संरक्षक के रूप में काम करते हैं। सुषमा स्वराज के निधन पर उन्होंने गहरा शोक व्यक्त किया है।