बापू ने शांति के साथ आतंक से लड़ने का भी पाठ पढ़ाया : कोविंद - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शनिवार, 24 अगस्त 2019

बापू ने शांति के साथ आतंक से लड़ने का भी पाठ पढ़ाया : कोविंद

बापू ने शांति के साथ आतंक से लड़ने का भी पाठ पढ़ाया : कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद - फोटो : bharat rajneeti

खास बातें

  • राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी के मूल्य सभी युगों के लिए बेहद प्रासंगिक हैं
  • आंतक को खत्म करने जैसे मुद्दों पर जागरूक करना है
  • राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे लिए वह वर्ग और नस्ल की सीमाओं से परे प्रयोगात्मक गांधी हैं
महात्मा गांधी ने आजादी का मतलब समझाने के साथ आतंक से लड़ने का संदेश दिया वहीं शांति का पाठ भी पढ़ाया था। बापू के यह संदेश भारत सरकार की नीतियों, राजनीतिक सोच, सार्वजनिक  कामकाज में भी दिखते हैं। आज पूरे विश्व में जो हिंसा और विद्रोह की घटनाएं हो रही हैं, उनमें से अधिकांश पूर्वाग्रह पर आधारित हैं। ये हमें दुनिया को, हम लोग बनाम वे लोग के आधार पर देखने के लिए बाध्य करती हैं। 
आपसी बातचीत से सब दिक्कतों का समाधान संभव है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को दयालुता पर पहले विश्व युवा सम्मेलन में 27 देशों के युवाओं को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं। दिल्ली में यूनेस्को, महात्मा गांधी शांति और सतत विकास शिक्षा संस्थान और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से यह सम्मेलन आयोजित किया गया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रपति ने युवाओं में सहानुभूति, सद्भावना और जागरूकता की भावना जागृत करने का आह्वान किया। ताकि वे अपने आप में परिवर्तन कर मानव समुदायों में स्थायी शांति का माहौल बनाएं। राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी के मूल्य सभी युगों के लिए बेहद प्रासंगिक हैं। 

उन्होंने हमें सिखाया कि हमारे कार्यों का उद्देश्य दूसरों की प्रतिष्ठा और नियति को मजबूत करने वाला होना चाहिए। गांधी जी के विचार शांति और सहिष्णुता, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसे मौजूदा दौर के मुद्दों में भी अत्यंत प्रासंगिक है। 

राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ सप्ताह बाद दो अक्तूबर को हम राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती मनाएंगे। गांधीजी का जन्म भारत में हुआ पर उनका संबंध पूरी मानवता से हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे लिए वह वर्ग और नस्ल की सीमाओं से परे प्रयोगात्मक गांधी हैं। 

एक रचनात्मक गांधी, जिन्होंने नमक को जन आंदोलन के एक शक्तिशाली प्रतीक में बदल दिया और एक दृढ़ गांधी, जिन्होंने अपने दुबले शरीर के साथ हिंसा के व्यापक अंधेरे के बीच सच के चिराग के साथ भारत के गांवों की यात्रा की, जिससे हमें आजादी मिली। 

कार्यक्रम में दुनियाभर से एक हजार युवा सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। इसका मकसद युवाओं को गांधीजी से जोड़ते हुए विश्व  शांति, सौहार्द, पर्यावरण बचाने, आंतक को खत्म करने जैसे मुद्दों पर जागरूक करना है। 

भारत विश्व को अपना परिवार मानता है : निशंक 

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि भारत प्राचीन काल से समूचे विश्व को अपना परिवार मानता है। दुनिया के सबसे बड़े युवाओं के देश में हम अपनी शिक्षा के माध्यम से भी विद्यार्थियों को दुनिया एक परिवार का पाठ पढ़ाते हैं। शिक्षा के माध्यम से पर्यावरण बचाने, आतंक से लड़ने, महिला सशक्तिकरण और आपसी भाईचारे को बढ़ाने पर काम करते हैं। महात्मा गांधी भी ऐसे ही भारत की कल्पना करते थे। 

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