जम्मू-कश्मीर में नेताओं की नजरबंदी की चिदंबरम ने की निंदा, सरकार पर लगाए आरोप
पी चिदंबरम - फोटो : bharat rajneeti
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में नेताओं की नजरबंदी की निंदा की है। उन्होंने दावा किया कि ये इस बात का संकेत है कि सरकार अपने उद्देश्यों को पाने के लिए सभी लोकतांत्रिक मानदंडों की अवहेलना करेगी।
कश्मीर घाटी में अचानक से हलचल बढ़ गई है और महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला सहित कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। उधर कश्मीर सहित जम्मू संभाग के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद कर दिए गए हैं। साथ ही सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। इसके अलावा इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
चिदंबरम से पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इस कदम की निंदा की है। उन्होंने उमर अबदुल्ला के ट्वीट पर रीट्वीट करते हुए कहा, "आप अकेले नहीं हैं उमर अबदुल्ला। आखिरकार सरकार जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं को आधी रात को क्यों गिरफ्तार कर रही है? अभी संसद का सत्र चल रहा है और हमारी आवाज को दबाया नहीं जा सकता है।"
शशि थरूर ने आगे कहा कि अगर सरकार आतंकियों और अलगाववादियों के खिलाफ कुछ कर रही है तो हमें घाटी के मुख्यधारा के नेताओं को विश्वास में लेकर चलना चाहिए। अगर हम उन्हें दरकिनार कर देते हैं तो फिर कौन बच जाएगा?
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सरकार के इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि नेताओं को रात में घरों में नजरबंद किया जा रहा है, जबकि सेनाओं की तैनाती लगातार बढ़ रही है और लोगों में बेचैनी बढ़ती ही जा रही है। कश्मीर के हालात चिंताजनक हैं। सरकार को अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए।