जंग ए आजादी: नारी शक्ति ने भी किए फिरंगियों के दांत खट्टे
अगस्त क्रांति - फोटो : bharat rajneeti
जंग ए आजादी में ताजनगरी के महिलाओं ने भी फिरंगियों के दांत खट्टे किए थे। चाहे नमक सत्याग्रह हो या लगानबंदी आंदोलन या फिर अगस्त क्रांति, सभी में नारी शक्ति ने बढ़कर हिस्सा लिया।
1930 में प्रांतीय कांग्रेस कमेटी ने नमक सत्याग्रह के लिए तीन जिलों को चुना था। इनमें आगरा भी था। आंदोलन में पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी कंदे से कंधा मिलाया। छह अप्रैल को शाम चार बजे सत्याग्रही जुलूस निकला। इसमें एंबुलेंस में स्वयंसेवक के रूप में महिला सत्याग्रही सवार हो गई।सुखदेवी पालीवाल, पार्वती देवी के नेतृत्व में महिलाओं ने नमक की पट्टी बांधकर नमक कानून तोड़ा। स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थियों में जागृति के लिए भी महिला स्वयंसेवकों ने सराहनीय कार्य किया। 18 जुलाई को आगरा के कॉलेजों में धरना शुरू किया गया।इंद्रभान गर्ल्स स्कूल की प्रधान अध्यापिका विद्याधरी जौहरी और चंपा देवी को सत्याग्रह करने के कारण स्कूल से निकाल दिया गया। हालांकि बाद में निष्कासन आदेश वापस ले लिया गया लेकिन दोनों ने इस्तीफा दे दिया।
किरावली में महिलाओं ने विद्यावती राठौर के नेतृत्व में जुलूस निकाला। पुलिस और धारा 144 की परवाह किए बगैर तहसील के सामने पहुंचीं। यहां विद्यावती राठौर को कैद कर लिया गया। उन्हें छह महीने कारावास की सजा सुनाई गई।
विदेशी कपड़ों की होली जलाती थीं महिलाएं
विदेशी वस्तुओं, सामान के बहिष्कार का आंदोलन जैसे ही शुरू हुआ, इसकी कमान महिलाओं ने संभाल ली। वे विदेशी कपड़ों की होली जलाती थीं। इनमें सुखदेवी पालीवाल, कृपा देवी, नन्हीं देवी, त्रिवेणी देवी, सरस्वती देवी, गुलाब देवी, रामकली ने आंदोलन चलाया और गिरफ्तारिया दीं।
नारी शक्ति से डरने लगे थे अंग्रेज
1930 से 1942 तक अंग्रेज आगरा की नारी शक्ति से भी डरने लगे। वे सुनियोजित तरीके से आंदोलन चला रहीं थी। कई को गरफ्तार किया लेकिन आंदोलन नहीं रुका। आंदोलन को आगे बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान पार्वती देवी का रहा।
उनकी प्रेरणा से सुखदेवी पालीवाल, विद्यावती राठौर, अंगूरी देवी, दमयंती देवी, भाग्यवती देवी, सूरज देवी, चंपावती, मुलिया देवी, बैकुंठी देवी, शांति देवी ने अंग्रेजों के दांत खट्टे किए। चंद्रावती विभव, प्रेमवती मिश्रा, मूला देवी, द्रोपदी देवी, मनोदरमा देवी, पूर्णिमा देवी, चंद्रकांता मिश्रा, आनंदी देवी, मोहिनी देवी सिंघल ने भी स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय थीं।