नोएडा को 2020 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आदर्श नगर बनाने की तैयारी
Noida Authority - फोटो : bharat rajneeti
प्रदेश सरकार ने अगले 10 वर्षों में जिन 10 शहरों को आदर्श इलेक्ट्रिक व्हीकिल (ईवी) सिटी के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है, उनमें नोएडा को पायलट सिटी के तौर पर डवलप किया जाएगा।
सरकार 2020 तक ईवी नीति की प्रत्येक कसौटी पर काम कर नोएडा को आदर्श सिटी के रूप में पेश करेगी। इसके अलावा सरकार ने 2030 इलेक्ट्रिक व्हीकिल बसों का संचालन शुरू करने की चरणबद्ध योजना भी पेश कर दी है।
शासन के एक आला अधिकारी ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग नीति में 2030 तक 10 शहरों को आदर्श इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (ईएम) नगर के रूप में डवलप करने का लक्ष्य तय किया गया है।
इनमें नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मथुरा, आगरा, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर और वारणसी शामिल हैं। अब तय किया गया है कि इनमें सबसे पहले नोएडा में फोकस कर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बढ़ाने के कदम उठाए जाएंगे।
2020 तक नवीन मोबिलिटी से संबंधित सभी उपायों पर काम कर इसे मानक सिटी बनाया जाएगा। इसके बाद अन्य शहरों में इसी तरह फोकस बढ़ाकर काम किया जाएगा। इसके लिए सरकार सीएसआर की भी मदद लेगी। सरकार का प्रयास है कि 2024 तक 10 आदर्श ईएम नगरों में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाए।
सार्वजनिक परिवहन के रूप में ईवी बसें अगले वर्ष से सड़कों पर
सरकार ने सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाना के लिए वर्ष 2030 तक 1000 ईवी बसों के प्रयोग की योजना तैयार की है। अब चरणबद्ध तरीकेसे इनके उपयोग का खाका तैयार कर लिया गया है। वर्ष 2020 तक 25 प्रतिशत बसें सड़क पर उतार दी जाएंगी। इसके बाद 2022 तक द्वितीय चरण में 35 प्रतिशत बसें बढ़ाई जाएंगी। बाकी 40 प्रतिशत बसें 2030 तक सड़कों पर आ जाएंगी।
2024 तक सभी सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने की योजना
इन 10 आदर्श ईवी शहरों में सार्वजनिक परिवहन के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले वाहनों का 70 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहनों का पहुंचाने का है। सरकारी निगमों, परिषदों व सरकारी एंबुलेंस जैसे सभी वाहन 2024 तक चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहन में बदल दिए जाएंगे।
विद्युत वितरण कंपनियों को सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का जिम्मा
सरकार ने 10 आदर्श ईएम नगरों में से प्रत्येक में 100 डीसी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई है। विद्युत वितरण कंपनियां को सरकारी भवनों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर ये स्टेशन स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई है। ये चार्जिंग पाइंट निजी व सरकारी, दोनों तरह के वाहनों के लिए उपलब्ध होंगे। यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम डिपो, बस टर्मिनल व बस स्टाप में चार्जिंग स्टेशन अवश्य होंगे। सार्वजनिक पार्किंग स्थलों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित होंगे।
कामर्शियल कांप्लेक्स, टाउनशिप के लिए स्टेशन स्थापित करना होगा अनिवार्य
ऐसे सभी कामर्शियल कांप्लेक्स, आवासीय सोसाइटी व टाउनशिप आदि में ईवी चार्जिंग स्टेशन की स्थापना अनिवार्य की जाएगी जिनका निर्मित क्षेत्रफल 5000 वर्गमीटर या इससे अधिक होगा। इस दायरे वाले भवनों आदि की अनुमति के लिए यह शर्त जोड़ी जाएगी।