पाकिस्तान को अमेरिकी सैन्य मदद के फैसले पर भारत ने जताई गंभीर चिंता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप - फोटो : bharat rajneeti
अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को सैन्य मदद देने के फैसले पर भारत ने ‘गंभीर चिंता’ जाहिर की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि हमने दिल्ली में अमेरिकी राजदूत के साथ ही वाशिंगटन में हमारे राजदूत के जरिये ट्रंप प्रशासन के समक्ष इस मामले को उठाया है। हमने पाकिस्तान को अमेरिका द्वारा सैन्य सहायता देने पर गंभीर चिंता जताई है।
सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी राजदूत को साउथ ब्लॉक बुलाया गया और पाकिस्तान सेना की मदद करने के अमेरिका के फैसले पर उनके समक्ष विरोध दर्ज कराया गया। मालूम हो कि पेंटागन ने पिछले सप्ताह अमेरिकी संसद को जानकारी दी थी कि उसने 12.50 करोड़ डॉलर की सैन्य बिक्री की मंजूरी दी है जिससे पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों की निगरानी की जाएगी। यह अधिसूचना राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच ह्वाइट हाउस में हुई बैठक के बाद दी गई।
रवीश कुमार ने कहा कि अमेरिका ने हमें बताया कि प्रस्तावित बिक्री से पाकिस्तान को सैन्य सहायता रोककर रखने की अमेरिका की नीति में कोई बदलाव दिखाई नहीं देता। अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि प्रस्तावित बिक्री का उद्देश्य अमेरिका को तकनीकी और साजो-सामान सेवाएं जारी रखने में सक्षम बनाना है ताकि पाकिस्तान की एफ-16 विमानों के बेड़े के संचालन की निगरानी में सहायता की जा सके।
पाकिस्तान ने फरवरी में बालाकोट हवाई हमले की जवाबी कार्रवाई में भारत के खिलाफ एफ-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था। पेंटागन न इस बात पर जोर दिया है कि प्रस्तावित सैन्य मदद से क्षेत्र में कोई सैन्य संतुलन में कोई बदलाव नहीं होगा।