...तो कांग्रेस पर दांव लगाकर आप को निपटाएगी भाजपा, केजरीवाल के लगातार सियासी शॉट पर भाजपा में मंथन
फाइल फोटो : bharat rajneeti
बीते दो दिन में जिस तरह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनावी मोड में आकर फ्रंटफुट पर बल्लेबाजी कर रहे हैं, उससे भाजपा खेमे में चिंता की लकीरें पड़ गई हैं। केजरीवाल की घोषणाओं से उनके तय वोट बैंक को निकालने के लिए भाजपा अपने चुनावी तरकश में कुछ नए तीर डालने जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा अब किसी न किसी बहाने पिछले दरवाजे से कांग्रेस को जिंदा रखने की कवायद में जुट गई है। पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि कांग्रेस जितनी मजबूत होगी, उतना ही आम आदमी पार्टी को नुकसान होगा। इसका सीधा फायदा भाजपा को आने वाले विधानसभा चुनाव में मिलेगा।हाल में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो पता चलता है कि आप का जनाधार 2014 के मुकाबले 2019 में 14 फीसदी खिसका है। जबकि कांग्रेस का 7 फीसदी और भाजपा का 10 फीसदी जनाधार बढ़ा है। सूत्रों का कहना है कि अब भाजपा कोशिश में है कि कांग्रेस का जो जनाधार लोकसभा चुनावों में बढ़ा था, उसको दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित के निधन के बाद किसी भी कीमत पर कम नहीं होने दिया जाए। पार्टी रणनीतिकार बताते हैं कि इसके लिए कई स्तर पर काम होगा। सार्वजनिक तौर पर भाजपा दिल्लीवालों का आप की कमजोरी का यकीन दिलाने के लिए उस पर अकेले सीधा हमला नहीं करेगी। इसकी जगह कांग्रेस भी भाजपा के हमले की जद में होगी। वहीं, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पाले में गए आप के वोटरों को कांग्रेस से जोड़े रखने की कवायद में भी भाजपा की अंदरूनी विंग माथापच्ची कर रही है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस को जिंदा रखकर ही इस विधानसभा को जीता जा सकता है। इस लिहाज से भाजपा की इस रणनीति पर खूब काम हो रहा है। इस योजना में सोशल मीडिया कैंपेन से लेकर लोगों की पार्टी से जोड़ना तक शामिल है। सूत्रों के मुताबिक इस सप्ताह भाजपा की होने वाली एक बैठक में पार्टी नेताओं से दिल्ली भाजपा इस संबंध में और मशविरा भी करेगी।
लोकसभा के नतीजों की गणित से भाजपा साध रही है निशाना
लोकसभा के वोटों और नतीजों को अगर विधानसभावार बांटा जाए तो कांग्रेस की बहुत बढ़त बनी हुई है। हालांकि, यह बढ़त भाजपा की तुलना में बहुत कम है लेकिन आप के मुकाबले ज्यादा है। आंकड़ों के मुताबिक अगर लोकसभा चुनावों को देखा जाए तो दिल्ली में दूसरे नंबर पर बढ़त लेने वाली पार्टी कांग्रेस ही है। ऐसे में भाजपा इस पर ऐसा दांव लगाना चाहती है कि यह बढ़त अचानक से कम न हो जाए। क्योंकि कांग्रेस का एक बहुत बड़ा वोट बैंक ही आप के साथ है।
भाजपा की चाहत कोई चेहरा जुड़े कांग्रेस से जो सेलेब्रिटी हो
भाजपा से जुड़े लोगों का कहना है कि उनकी रणनीति तब और कारगर हो जाएगी, जब नवजोत सिंह सिद्धू जैसे सेलेब्रिटी नेता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हो जाएं। हालांकि यह फैसला कांग्रेस आलाकमान को ही करना है, लेकिन भाजपा की नजरें भी इस ओर लगी हुई हैं। भाजपा को इस बात का डर है कि शीला दीक्षित के निधन के बाद कहीं कांग्रेस का बढ़ा वोट बैंक आप की ओर तेजी से शिफ्ट न हो जाए।