इसरो के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, लैंडर विक्रम की असफल लैंडिंग से चिंतित होने की जरूरत नहीं
पूर्व इसरो अध्यक्ष जी माधवन नायर (फाइल फोटो) - फोटो : bharat rajneeti
अनुभवी अंतरिक्ष वैज्ञानिक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने कहा कि चांद पर चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग असफल होने पर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इससे इसरो को अहम जटिल मिशनों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। नायर ने पहली बार स्वीकार किया कि अब ‘विक्रम’ से दोबारा संपर्क स्थापित होने की कोई उम्मीद नहीं है। इसरो अध्यक्ष के सिवन के बयान की आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए नायर ने कहा, जहां तक विज्ञान और तकनीक का सवाल है तो इसरो प्रदर्शन करने वाला देश का सर्वोच्च संस्थान है। इसरो ने निस्संदेह बीते कई वर्षों में अपने परिणामों से इसे साबित किया है। इसके पीछे कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि बहुत से लोग होते हैं। हर स्तर पर प्रक्रिया, डिजाइन और टेस्टिंग को जांचने का उचित तंत्र है।
उन्होंने कहा कि इसरो ने लैंडर से संपर्क स्थापित करने को कई कोशिशें की, लेकिन सफलता नहीं मिली। मैं सिवन के बयान से पूरी तरह सहमत हूं कि चंद्रयान-2 मिशन 98 फीसदी सफल रहा। नायर ने स्वीकार किया कि जब आप बेहद जटिल सिस्टम के साथ काम कर रहे होते हैं तो असफलता असामान्य नहीं होती, लेकिन हमें इन असफलताओं से सीखना होगा और भविष्य में इन्हें ठीक करना होगा।