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बुधवार, 25 सितंबर 2019

अजब विवाद में फंसे राजा महेंद्र, सुप्रीम कोर्ट पहुंची महिला ने किया पत्नी होने का दावा

अजब विवाद में फंसे राजा महेंद्र, सुप्रीम कोर्ट पहुंची महिला ने किया पत्नी होने का दावा

महेंद्र प्रसाद (फाइल फोटो)
महेंद्र प्रसाद (फाइल फोटो)
जदयू के राज्यसभा सांसद और बिहार के दिग्गज नेताओं में शुमार महेंद्र प्रसाद एक अजब विवाद में फंस गए हैं। ‘राजा महेंद्र’ के नाम से मशहूर सात बार के सांसद के खिलाफ एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस महिला ने महेंद्र प्रसाद की कानूनन विवाहित पत्नी होने का दावा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन दोनों को चार सप्ताह के लिए अलग रहने का आदेश दिया गया था। हालांकि शीर्ष अदालत ने फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई की। महिला की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि याची पिछले 45 साल से महेंद्र प्रसाद के साथ रह रही है। रोहतगी ने कहा कि सांसद की तरफ से महिला के साथ रहने की इच्छा जताने के बावजूद हाईकोर्ट ने इस मामले में पूरी तरह अवैध प्रक्रिया का पालन किया है। 

महिला के वकील ने इसे बताया 'विलक्षण मामला'

उन्होंने दावा किया कि महिला महेंद्र प्रसाद की कानूनन पत्नी है और सवाल किया कि पति और पत्नी को अलग क्यों रहना चाहिए? देश में लोकतंत्र है। उन्होंने इसे ‘विलक्षण मामला’ बताते हुए इसमें जांच किए जाने पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को ऐसा आदेश पारित नहीं करना चाहिए था, क्योंकि वह प्रसाद के बेटे की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

हालांकि रोहतगी के तर्क पर जस्टिस भानुमति के साथ जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश राय की मौजूदगी वाली सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता शायद पति और पत्नी की तरह लंबे समय से साथ रह रहे थे, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि वे पति-पत्नी हैं। पीठ ने यह कहते हुए इस मामले में फिलहाल हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए महिला को दोबारा हाईकोर्ट से ही गुहार लगाने का आदेश दिया है।

प्रसाद के पुत्र की याचिका पर दिया था हाईकोर्ट ने आदेश

79 वर्षीय प्रसाद देश के सबसे अमीर सांसदों में से एक हैं, जिनकी कई फार्मा कंपनियां और अन्य व्यवसाय हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में उनके खिलाफ कथित तौर पर ‘त्याग दिए गए’ पुत्र ने याचिका दाखिल की थी। महेंद्र के पुत्र ने हाईकोर्ट से कहा था कि उसके पिता और उनके साथ रहने वाली महिला ने मिलकर उसकी मां को अवैध रूप से बंदी बना रखा है। उसने अपनी मां के ही प्रसाद की असली पत्नी होने का दावा भी किया थ्रा। इसके बाद हाईकोर्ट ने महिला को इन आरोपों की जांच पूरी होने तक प्रसाद से अलग रहने का आदेश दिया था। 

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