जानिए भारतीय वायुसेना के पहले राफेल विमान के टेल नंबर 'आरबी 01' के पीछे की कहानी
खास बातें
भारत और फ्रांस के बीच 60 हजार करोड़ रुपये के राफेल सौदे के तहत पहले विमान को भारत की रजामंदी के आधार पर सौंपा जाना था। यह विमान अभी करीब सात महीने तक फ्रांस में रहेगा। इस दौरान इसका ट्रायल होगा। इसके बाद भारत लाया जाएगा।
भदौरिया ने खरीद के लिए बातचीत में निभाई थी अहम भूमिका
एयर मार्शल भदौरिया राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने योग्यता के क्रम में पहले स्थान पर रहने के लिए एनडीए में प्रतिष्ठित 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' जीता था और जून 1980 में भारतीय वायुसेना की लड़ाकू स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त किया था।
फ्लाइट और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं एयर मार्शल भदौरिया
भदौरिया ने रूस में एयर अताशे, एयर स्टाफ के असिस्टेंट चीफ, एनडीए के कमांडेंट, सेंट्रल एयर कमांड पर वरिष्ठ एयर स्टाफ ऑफिसर, डिप्टी चीफ ऑफ दि एयर स्टाफ और दक्षिण एयर कमांड के एयर चीफ ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के रूप में सेवाएं दी है।
उन्होंने एक मई को उप वायु सेना प्रमुख का पद संभाला था। इससे पहले वह बंगलूरू में ट्रेनिंग कमांड का नेतृत्व कर रहे थे।