एनआरसी: टीएमसी व भाजपा आमने-सामने, ममता का दावा एनआरसी के डर से राज्य में 11 ने की आत्महत्या
खास बातें
- विजयवर्गीय ने कहा लागू होगा एनआरसी, किसी भी हिंदू को नहीं छोड़ना होगा देश
- ममता राज में ‘लव जिहाद’का गढ़ बना बंगाल : विहिप
- ममता का दावा एनआरसी के डर से राज्य में 11 ने की आत्महत्या
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पर राजनीति दलों में तू-तू-मैं-मैं बढ़ गई है। राज्य में इस मामले में भाजपा और तृणमूल आमने सामने आ गए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) से लोग डरे हुए हैं। अपनी नागरिकता खोने के डर के चलते राज्य में 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली है। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया कि राज्य में एनआरसी लागू होगा लेकिन किसी भी हिन्दू को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा। उधर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने भी ममता के एनआरसी का विरोध करने पर उन्हें निशाने पर लिया।
भाजपा पर अक्सर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाने वाली ममता ने पश्चिम मिदनापुर के देबरा में अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा कि प्रखंड जिला अधिकारियों (बीडीओ) और जनता के प्रतिनिधियों को आदेश दिया है कि वह घर-घर जाकर एनआरसी लागू होने पर राष्ट्रीयता छिनने के डर पर लोगों की शंकाओं को शांत करें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में एनआरसी लागू नहीं होगा। राज्य सरकार एनआरसी को लेकर लोगों को न तो परेशान होने और न ही घबराने की बात कर रही है। इसी से संबंधित विज्ञापन टीवी और अखबार में दिए जा रहे हैं। मालूम लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा अध्यक्ष ने हमेशा कहा था कि एनआरसी असम के साथ ही पश्चिम बंगाल समेत दूसरे राज्यों में भी लागू होगा।
उधर पश्चिम बंगाल में भाजपा के रणनीतिकार कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, बंगाल में हमारी सरकार शत-प्रतिशत एनआरसी लागू करेगी और उसके बाद एक भी हिंदू को बंगाल नहीं छोड़ना पड़ेगा।
हिंदुओं को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम संसद में जल्द ही नागरिकता (संशोधन)बिल लाने जा रहे हैँ।उन्होंने टीएमसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ पार्टियां और उनके नेता एनआरसी पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत कोई शरणस्थली नहीं है जहां बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बहुसंख्यक घुसपैठ कर यहां आतंक फैलाए और हमारे नागरिकों की रोजी रोटी छीने।
भाजपा पर अक्सर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाने वाली ममता ने पश्चिम मिदनापुर के देबरा में अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा कि प्रखंड जिला अधिकारियों (बीडीओ) और जनता के प्रतिनिधियों को आदेश दिया है कि वह घर-घर जाकर एनआरसी लागू होने पर राष्ट्रीयता छिनने के डर पर लोगों की शंकाओं को शांत करें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में एनआरसी लागू नहीं होगा। राज्य सरकार एनआरसी को लेकर लोगों को न तो परेशान होने और न ही घबराने की बात कर रही है। इसी से संबंधित विज्ञापन टीवी और अखबार में दिए जा रहे हैं। मालूम लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा अध्यक्ष ने हमेशा कहा था कि एनआरसी असम के साथ ही पश्चिम बंगाल समेत दूसरे राज्यों में भी लागू होगा।
उधर पश्चिम बंगाल में भाजपा के रणनीतिकार कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, बंगाल में हमारी सरकार शत-प्रतिशत एनआरसी लागू करेगी और उसके बाद एक भी हिंदू को बंगाल नहीं छोड़ना पड़ेगा।
हिंदुओं को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम संसद में जल्द ही नागरिकता (संशोधन)बिल लाने जा रहे हैँ।उन्होंने टीएमसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ पार्टियां और उनके नेता एनआरसी पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत कोई शरणस्थली नहीं है जहां बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बहुसंख्यक घुसपैठ कर यहां आतंक फैलाए और हमारे नागरिकों की रोजी रोटी छीने।
ममता राज में ‘लव जिहाद’का गढ़ बना बंगाल : विहिप
एनआरसी के विरोध पर विहिप ने ममता को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनके बयान से देश की सुरक्षा को खतरा है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व में बंगाल ‘लव जिहाद’ का गढ़ बन गया है।
उन्होंने ममता बनर्जी से अपील की वह राज्य में एनआरसी का विरोध न करे, क्योंकि देश की सुरक्षा और मुस्लिम घुसपैठियों को रोकने के लिए यह बहुत जरूरी है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के भेदभावपूर्ण रवैये के कारण राज्य में हिंदू समाज की स्थिति अत्यधिक खतरनाक हो गई है।
उन्होंने कहा, कि मुख्यमंत्री का सार्वजनिक तौर पर दिया गया बयान जिसमें वह लोगों को उनके व्यक्तिगत दस्तावेजों को खोने के बारे में नजदीकी पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज करने के लिए कह रही हैं। यह बयान बहुत ही आश्चर्यजनक है। यह दर्शाता है कि भले ही एक दस्तावेज खोया न हो, मगर एफआईआर दर्ज की जा सकती है। इसका फायदा घुसपैठियों को होगा।
उन्होंने ममता बनर्जी से अपील की वह राज्य में एनआरसी का विरोध न करे, क्योंकि देश की सुरक्षा और मुस्लिम घुसपैठियों को रोकने के लिए यह बहुत जरूरी है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के भेदभावपूर्ण रवैये के कारण राज्य में हिंदू समाज की स्थिति अत्यधिक खतरनाक हो गई है।
उन्होंने कहा, कि मुख्यमंत्री का सार्वजनिक तौर पर दिया गया बयान जिसमें वह लोगों को उनके व्यक्तिगत दस्तावेजों को खोने के बारे में नजदीकी पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज करने के लिए कह रही हैं। यह बयान बहुत ही आश्चर्यजनक है। यह दर्शाता है कि भले ही एक दस्तावेज खोया न हो, मगर एफआईआर दर्ज की जा सकती है। इसका फायदा घुसपैठियों को होगा।