मोदी 2.0: सरकार के 100 दिन, चुनौतियां भी कम नहीं
सरकार अपने पहले कार्यकाल में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मजबूत दिखाई दी। हालांकि दूसरे कार्यकाल के पहले सौ दिनों में ही देश की अर्थव्यवस्था में मंदी की आहट महसूस की जा रही है। देश की विकास दर के लुढ़ककर 5 फीसदी पर आ जाने से सरकार चिंतित है।
विकराल रूप लेती बेरोजगारी
बेरोजगारी की समस्या बड़ी चुनौती है। निर्माण क्षेत्र में वृद्धि दर 12 फीसदी से लुढ़क कर 0.6 फीसदी रह गई है। इस सेक्टर में लाखों लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। ऑटोमोबाइल, कपड़ा सहित कई क्षेत्रों की दयनीय स्थिति नई चिंता पैदा कर रही है।
कश्मीरियों का विश्वास जीतना
अनुच्छेद 370 और 35 ए खत्म होने के बाद अब कश्मीरियों का विश्वास जीतना होगा। इस फैसले के बाद खासतौर पर कश्मीर में कई तरह के प्रतिबंध जारी हैं। अलगाववादी और विभिन्न दलों के नेता जेल में हैं। ऐसे में मुख्य चुनौती कश्मीर में हालात को सामान्य बनाए रखने की है।
बढ़ रही भीड़ हिंसा
सरकार देशभर में बढ़ रही भीड़ हिंसा की घटनाओं से पल्ला झाड़ रही है, मगर दूसरे कार्यकाल के दौरान जिस प्रकार यह घटनाएं बढ़ी हैं, उससे इसके भविष्य में चुनौती बनने की बड़ी आशंका है। सरकार की मुश्किल है कि ज्यादातर घटना भाजपाशासित राज्यों में हो रही हैं।
राम मंदिर निर्माण
राम मंदिर का निर्माण भी भाजपा के मूल एजेंडे में है। अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पार्टी के समर्थकों को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भी सरकार की ओर से ऐसी ही पहल की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट फिलहाल इस मामले में प्रतिदिन सुनवाई कर रहा है। शीर्ष अदालत का फैसला अगर राम मंदिर निर्माण के पक्ष में आया तो सरकार की परेशानी एकाएक दूर हो जाएगी। इसके उलट स्थिति में सरकार पर कानून के रास्ते मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने का भारी दबाव होगा।
समान नागरिक संहिता
अनुच्छेद 370 खत्म कर सरकार ने समान नागरिक संहिता बनाने पर नई उम्मीदें जगाई हैं। खासतौर से संघ परिवार मानता है कि इस समय इस मुद्दे के समर्थन में जैसी राजनीतिक हवा है, वैसा वातावरण मिलना कठिन होगा। यह फैसला लेने के लिए सरकार पर भविष्य में बड़ा दबाव पड़ेगा।
सीमा पार आतंकवाद
सरकार ने 100 दिन के कार्यकाल में ही पाकिस्तान को दुनिया से अलग-थलग करने का ठोस संदेश दिया है। इसके बावजूद सीमापार आतंकवाद भारत के लिए अब भी नासूर बना है। अफगानिस्तान में पाकिस्तान की जरूरत के मद्देनजर अमेरिका एक हद से ज्यादा पाकिस्तान पर दबाव बनाने की स्थिति में नहीं है, तो सामरिक सहित अन्य लाभों के कारण चीन भी पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा रहेगा।
एनआरसी विवाद
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) असम में विदेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए था, मगर इसकी अंतिम सूची ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। करीब 19 लाख लोगों को एनआरसी में जगह नहीं मिली है, इनमें बड़ी संख्या में असम के हिंदू और आदिवासी शामिल हैं। विवाद की वजह मुस्लिम बहुल जिलों के ज्यादातर लोगों को एनआरएसी में जगह मिलना है, मगर कई हिंदूबहुल जिलों में मुस्लिमबहुल जिलों की तुलना में कम लोगों को एनआरसी में जगह मिल पाई।
नई शिक्षा नीति
पहले कार्यकाल में लगातार हाथ-पांव मारने के बावजूद सरकार नई शिक्षा नीति लागू नहीं कर पाई। चूंकि नई शिक्षा नीति शिक्षा के नए स्वरूप को सामने लाएगी, इसलिए वामपंथ से जुड़े शिक्षाविद और इतिहासकार सहित तमाम विपक्ष विरोध को तैयार बैठे हैं। हिंदी को अनिवार्य करने संबंधी अटकलों पर हालिया विवाद इसी का नतीजा था।
जनसंख्या नीति
खुद पीएम ने दूसरे कार्यकाल के पहले स्वतंत्रता दिवस पर परोक्ष रूप से देश के लिए नई जनसंख्या नीति की वकालत की। उन्होंने दो बच्चों के मां-बाप को देशभक्त कह कर यह संदेश दे दिया कि नई जनसंख्या नीति के लिए भी सरकार के अंदर गहन विमर्श का दौर जारी है। इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए सरकार की राह आसान नहीं होगी।