रामपुर: आजम खां की मुश्किलें और बढ़ी, अब बकरी खुलवाने का मुकदमा दर्ज

नसीमा खातून का कहना है कि वह सरायगेट स्थित वक्फ संख्या 157 यतीमखाना में दशकों से रहती थी। उसका भैंस और बकरी पालन का कारोबार था। उनका आरोप है कि 15 अक्तूबर 2016 की सुबह लगभग 4.30 बजे तत्कालीन मंत्री आजम खां के कहने पर तत्कालीन सीओ सिटी, वसीम रिजवी, जफर फारुकी, फसाहत शानू, इस्लाम ठेकेदार, एसओजी का सिपाही का धर्मेंद्र और सलीम सहित 25 अज्ञात लोग घर में घुस गए। घर में घुसते ही इन लोगों ने धमकी देकर यह कहा कि यह जगह खाली करो, यहां आजम खां का स्कूल बनना है।
अगर विरोध किया तो चरस के मुकदमे में जेल भेज दिया जाएगा। देखते-देखते आरोपियों ने घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। घर के कागज दिखाने पर उसे फाड़कर फेंक दिया। नसीमा खातून का आरोप है कि जफर फारुकी और वसीम रिजवी ने उसके पति बाबू अली को बुरी तरह से मारापीटा, जिनकी कुछ दिन के बाद मौत हो गई। सबको घर से बाहर निकालकर बुल्डोजर चलवा दिया।
आरोपियों ने घर में रखा हुआ चार तोले का दो हार, कानों के दो बुंदे, सोने की एक अंगूठी और सोने-चांदी की दो पायल भी खोलकर ले गए। जाते-जाते आरोपी तीन भैंसें, एक गाय, एक बछड़ा और चार बकरी भी खोलकर ले गए। कहने लगे कि ये पशु आजम खां की गोशाला में जाएंगे।
महिला का कहना है कि वह अपने बेटों को साथ मुकदमा दर्ज कराने थाने भी गई थी, लेकिन उस वक्त पुलिस ने वहां से भगा दिया था। महिला की तहरीर के आधार पर कोतवाली की पुलिस ने आईपीसी की धारा 452, 427, 389, 395, 448, 304, 504, 506, 120-बी के तहत रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।