बागी होने की राह पर अशोक तंवर? बोले- हरियाणा में कांग्रेस के बजाए चल रही है हुड्डा भक्ति

बोले, मैं तो एक जमीनी कार्यकर्ता की तरह काम करता रहा। मेरा यह अंदाज दूसरे लोग, जो जाति, धन व बाहुबल से खुद को मजबूत मानते थे, उन्हें पसंद नहीं आया। आप मेरा कार्यकाल देखें। पांच साल के दौरान हरियाणा में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है। 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का वोट प्रतिशत 6 था, जो कि अब लोकसभा चुनाव में वह 8.5 रहा है। इसके बाद भी उन लोगों ने, जो राजनीति को अपनी बपौती समझते हैं, मेरी सारी मेहनत को अपनी साजिशों से बेकार कर दिया।
अगर पार्टी हाईकमान ने कहा तो टिकट बेचने के सबूत भी दे दूंगा...
तंवर का कहना था कि कार्यकर्ताओं ने टिकट बेचने के जो आरोप लगाए हैं, अगर उस बाबत हाईकमान सबूत मांगेगा तो मैं दे दूंगा। सोनिया गांधी के आवास पर प्रदर्शन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में वे बोले, कार्यकर्ताओं को अपनी बात कहने का हक है।उन्होंने पार्टी के प्लेटफार्म पर अपनी बात रखी है। बहुत मर्यादित तरीके से हमने अपनी बात कही है। जो लोग सत्ता को अपनी बपौती समझते हैं, आने वाला वक्त ही बताएगा कि वे उसका कितना स्वाद ले पाते हैं। कांग्रेस पार्टी ने जो भी कमेटी बनाई, उसका कोई औचित्य नहीं रहा। दबंग नेताओं ने कमेटी को धता बता दिया। जिन लोगों ने कांग्रेस को कमजोर किया, जो कई बार चुनाव हारें हैं, उन्हें टिकट थमा दिया गया। अब ऐसे में अगर कांग्रेस पार्टी हारती है तो वही लोग इसकी जिम्मेदारी लेंगे। मैं तो कहता हूं कि कांग्रेस की 85 सीटें आ जाएं।
मैं केवल राहुल सोनिया की रैली में जाऊंगा, वो भी निमंत्रण मिलने पर: तंवर
अशोक तंवर ने साफ कर दिया है कि मैं खुद से चुनाव प्रचार में नहीं जाऊँगा। अगर सोनिया गांधी या राहुल गांधी रैली करने आते हैं तो मैं वहां पहुंच जा सकता हूं। हां, यहां भी मैं निमंत्रण पर ही जाऊंगा। यानी पार्टी नेतृत्व कहेगा तो ही रैली में शामिल हूंगा। जिन्होंने पार्टी का आदेश नहीं माना, उनकी मैं नहीं सुनूँगा। उनके चुनाव प्रचार से भी दूर रहूंगा, क्योंकि उन्हें मेरी जरुरत ही नहीं है।